उन्होंने विभिन्न बालिकाओं को सुकन्या समृद्धि योजना से जोड़ते हुए उन्हें सम्मानित भी किया। श्री यादव ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र में अब तक 2.32 लाख बालिकाओं के सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा चुके हैं, वहीं 520 गाँवों को सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम बनाया जा चुका है। इस दिवस पर डाक विभाग द्वारा वाराणसी, भदोही, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया जनपदों में अभियान चलाकर विभिन्न बालिकाओं को सम्मानित किया गया और उनके सुकन्या समृद्धि खाते भी खुलवाए गए।
पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि बालिकाओं के सुदृढ़ीकरण से परिवार, समाज और अंतत: राष्ट्र भी मजबूत बनता है। अब 5 साल तक की बालिकाओं का घर बैठे डाक विभाग के माध्यम से आधार कार्ड बनवाया जा सकता है। ‘माई स्टैम्प’ सेवा के तहत उनके चित्र वाली डाक टिकट बनाकर उन्हें दी जा सकती है। 10 साल तक की बालिकाओं का मात्र ₹ 250 से डाकघर में खुलने वाला सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का ही एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुड़ा हुआ है। इस योजना के आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक आयाम भी महत्वपूर्ण हैं। इसमें जमा धनराशि पूर्णतया बालिकाओं के लिए ही होगी। जो उनकी शिक्षा, कैरियर एवं विवाह में उपयोगी होगी। यह योजना बालिकाओं के सशक्तिकरण के द्वारा भविष्य में नारी सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देगी। उन्होंने लोगों से अपील भी की कि गरीब व वंचित परिवार की बालिकाओं का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाकर नई पहल करें।
सहायक निदेशक राम मिलन ने राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाये जाने की पृष्ठिभूमि के बारे में जानकारी दी। वाराणसी पश्चिमी मंडल के अधीक्षक डाकघर संजय वर्मा ने बताया कि, सुकन्या समृद्धि योजना में ब्याज दर 7.6 प्रतिशत है और जमा धनराशि व अर्जित ब्याज पर आयकर छूट भी है। इस योजना में एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम डेढ़ लाख रूपये जमा किये जा सकते हैं। बालिका के 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने अथवा 10वीं कक्षा पास कर लेने के उपरांत जमा राशि का 50 प्रतिशत तक निकाला जा सकता है। खाते की परिपक्वता अवधि खाता खोलने की तारीख से 21 वर्ष है, तथापि बालिका द्वारा 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने के बाद विवाह के समय बंद किया जा सकता है।