scriptमुस्लिम युवक ने की कांवड़ यात्रा तो पता चला क्या होता पैरों का दर्द, अब कांवरियों की सेवा कर बना मिसाल | Muslim youth help kaanvariyon in sawn | Patrika News
वाराणसी

मुस्लिम युवक ने की कांवड़ यात्रा तो पता चला क्या होता पैरों का दर्द, अब कांवरियों की सेवा कर बना मिसाल

युवा ने मजबूत की गंगा-जमुनी तहजीब की नीव, कांवरियों का फुट मसाज कर रहा उनकी सेवा

वाराणसीJul 22, 2019 / 04:31 pm

Devesh Singh

Sajid

Sajid

वाराणसी. राजनीतिक दल कितना भी धर्म व जाति के नाम पर लोगों को लड़ाते रहे लेकिन कुछ युवा ऐसे भी है जो आज भी गंगा-जमुनी तहजीब की नीव मजबूत करने में जुटे हुए हैं। बनारस के साजिद ही ऐसी एक मिसाल है, जो सभी के प्रेरणा बन सकते हैं। पूर्व वर्ष की इस तरह बार भी साजिद बनारस के रथयात्रा-महमूरगंज मार्ग पर कांवरियों की सेवा के लिए अपना शिविर लगाये हैं, जहां पर कांवरियों को नि:शुल्क फुट मसाज, हेयर कटिंग, शेविंग करके उनकी सेवा में लगे हैं। शिविर से जाने वाले कांवरिये भी मुस्लिम युवक की सेवा से बहुत खुश है और कहते हैं कि सभी धर्म के लोग एक-दूसरे की ऐसी ही मदद करे तो सारी समस्या ही खत्म हो जाये।
यह भी पढ़े:-प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से आयेगा SMS, मिलेगी यह महत्वपूर्ण जानकारी
हबीब बार्बर में काम करने वाले साजिद ने बताया कि वह कोलकाता में रहते हुए पढ़ाई करता था। उस समय दोस्तों के साथ शौक में कांवड़ यात्रा की थी। कांवड़ यात्रा के दौरान पता चला था कि पैरों में कितना दर्द होता है। पैरों में छाले पड़ जाते हैं। उसी समय मन में यह ठान लिया था कि भविष्य में मौका मिला तो कांवरियों की सेवा जरूर करेंगे। पिछले साल से ही वह कांवरियों की सेवा में जुट गये हैं। सावन के प्रत्येक सोमवार को वह अपना शिविर लगाते हैं यहां पर आने वाले कांवरियों को मिनीरल वाटर से पैरा साफ किया जाता है और शुद्ध सरसों के तेल से मसाज करते हैं ताकि उनके पैरों का दर्द कम हो जाये। कांवरियों के केश काटने से लेकर शेविंग करने का भी काम भी करते हैं। सारी सेवा नि:शुल्क होती है और कांवरियों से कोई पैसा नहीं लिया जाता है। साजिद इकबाल ने बताया कि मैंने कांवड़ के दौरान पैरों के दर्द और छाले को महसूस किया है इसलिए गंगा-जमुनी तहजीब के तहत कांवरियों की सेवा करके उनका दर्द कम करने का प्रयास करता हूं।
यह भी पढ़े:-बम विस्फोट ने बदली थी इस बच्चे की जिंदगी, पिता की जंजीर भी अमन को कबीर बनने से नहीं रोक पायी
Sajid camp
IMAGE CREDIT: Patrika
संगम से 120 किलोमीटर चल कर बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में जल चढ़ाने आते हैं कांवरिये
प्रयागराज के संगम से गंगाजल लेकर पैदल ही लगभग 120 किलोमीटर की यात्रा करके कांवरिये जल चढ़ाने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर आते हैं। पैदल चलने के दौरान कांवरियों के पैर में बहुत दर्द होता है। छाले तक पड़ जाते हैं, जिससे एक कदम भी चलना कठिन हो जाता है। ऐसे में एक मुस्लिम युवक ने उनके दर्द को समझा और सेवा की है। देश में गंगा-जमुनी तहजीब की इससे बड़ी मिसाल और क्या हो सकती है।
यह भी पढ़े:-काशी में आयेंगे तीन करोड़ कांवरिये, भव्य होगी कांवर यात्रा

Hindi News / Varanasi / मुस्लिम युवक ने की कांवड़ यात्रा तो पता चला क्या होता पैरों का दर्द, अब कांवरियों की सेवा कर बना मिसाल

ट्रेंडिंग वीडियो