अजय राय के अनुसार 3 अगस्त साल 1991 वो और उनके भाई अपने घर के दरवाजे पर खड़े थे। हल्की-हल्की बारिश हो रही थी। उसी समय एक वैन से आए लोगों ने भाई पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी और पैदल ही भाग निकले। उसके बाद अवधेश राय को कबीरचौरा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस मामले में कांग्रेस प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने मुख़्तार अंसारी और भीम सिंह, मुन्ना बजरंगी, कमलेश सिंह, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम और राकेश को आरोपी बनाया था।
इस मामले की सुनवाई एडीजी बनारस की कोर्ट में शुरू हुई थी। तब यहां विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट नहीं था। साल 2007 में हुए कचहरी बम ब्लास्ट में कोर्ट के करीब ब्लास्ट हुआ और उस समय सुनवाई चल रही थी। ऐसे में आरोपी राकेश न्यायिक ने हाईकोर्ट में केस ट्रांसफर करने की मांग की थी। इसके बाद कई दिनों तक सुनवाई नहीं हो सकी। फिर इलाहाबाद कोर्ट में विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट का गठन हुआ तो वहां सुनवाई शुरू हुई। इसके बाद जब वाराणसी में एमपी/एमएलए कोर्ट का गठन हुआ तो मुख़्तार का पूरा केस यहां ट्रांसफर हो गया पर राकेश न्यायिक का केस अभी इलाहबाद में लंबित है।