मोबाइल ने जिंदगी को आसान बनाया है तो कई नयी परेशानी को भी जन्म दिया है। मोबाइल को लेकर सबसे बड़ी दिक्कत बच्चों में इसकी लत को लेकर है। बच्चे में एक बार मोबाइल की लत लग गयी तो उसे छुड़ाना आसान नहीं होता है। इसके अतिरिक्त बच्चों में आत्महत्या की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ती जा रही है। खास तौर पर पढ़ाई, बोर्ड का रिजल्ट व प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम के समय बच्चों में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। मोबाइल गेम सेे भी बच्चों में जान देने की गलत सोच विकसित हो रही है। अभिभावक अपने बच्चों में मोबाइल की लत को तो पहचान जाते हैं लेकिन आत्महत्या की प्रवृत्ति का पता लगाना आसान नहीं होता है यदि अभिभावक को ऐसे लक्षण मिल जाते हैं, जिससे उन्हें लगता है कि बच्चा कोई गलत कदम उठा सकता है तो अभिभावक को समझ नहीं आता है कि किस जगह सम्पर्क कर बच्चे की समस्या दूर की जाये। अभिभावक आर्थिक तंगी का शिकार है तो समस्या और बढ़ जाती है। अभिभावकों की इसी समस्या को दूर करने के लिए मंडलीय अस्पताल के मन-कक्ष में जल्द ही नयी सुविधा शुरू की जायेगी। यहां पर नवीन मनोविकार की रोकथाम के लिए चिकित्सकीय परामर्श के साथ दवा की भी व्यवस्था की जायेगी। सीएमओ डा.वीबी सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य महानिदेशक के पत्र को संज्ञान में लेकर मन-कक्ष में जल्द ही नयी सुविधा शुरू की जायेगी।
यह भी पढ़े:-गौशालाओं में गायों की मौत की कैबिनेट मंत्री ने बतायी यह वजह मोबाइल की लत से होती है यह परेशानीराष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डा.पीपी गुप्ता ने बताया कि मोबाइल के ज्यादा प्रयोग से सिर में दर्द, थकान, बैचेनी, शारीरिक कमजोरी, नींद में कमी आने की समस्या हो जाती है जिसका शरीर पर बहुत खराब प्रभाव पड़ता है। मोबाइल का अधिक प्रयोग से स्वास्थ्य खराब होता है।
यह भी पढ़े:-प्रदेश अध्यक्ष बनते ही स्वतंत्र देव सिंह ने दिया बड़ा बयान, बताया कैसे जीतेंगे यूपी चुनाव 2022 मंडलीय अस्पताल के मन-कक्ष में पहले से मिल रही यह सुविधामानसिक स्वास्थ्य, गैर संचारी रोग मधुमेह व उच्च रक्तचाप,तंबाकू नियंत्रण, किशोर-किशोरी स्वास्थ्य, एचआईवी, परिवार नियोजन एंव कल्याण
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