बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय हॉकी प्रतियोगिता का उद्घाटन करने आए जगबीर सिंह ने मीडिया से बातचीत में युवाओं से अपील की कि वो कुछ भी खेंले पर मैदान जरूर आएं क्योंकि खेलना जरूरी है, चाहे जो खेल हो। कहा कि इंटरनेट के खेल से कहीं ज्यादा बेहतर है कि वो मैदान पर आ कर खेलें। आज का युवा खेल के माघ्यम से न केवल खुद को फिट रख सकता है बल्कि देश को बड़ा योगदान दे सकता है। आज हमारे पास स्पोर्ट्स यंगस्टर्स की जरूरत है।
क्रिकेट पर कमेंट करते हुए कहा कि कई लोग कहते हैं कि क्रिकेट ने सारे खेलों को पीछे छोड़ दिया पर मैं ऐसा नहीं मानता। क्रिकेट ने सभी खेलों को एक दिशा दी, नई सोच दी। बताया कि खेल को कैसे पेशेवर बनाया जा सकता है। युवाओं को अब तय करना होगा कि उन्हें खेल में रुचि लेना है और खेल के माध्यम से देश को पदक दिलाना है।
अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित ओलंपियन जगबीर सिंह ने 1982 के बाद के ओलंपिक में इंडिन हॉकी टीम के निराशाजनक प्रदर्शन का बड़ा कारण समय को ठहराया। कहा कि हमारे देश में हॉकी को लेकर प्रतिभा की कमी नहीं। कोई भी विदेशी कोच कम समय में किसी भी टीम को बनाना चाहता है तो वह भारतीय टीम है।
उन्होंने कहा कि 2010 के बाद देश को हॉकी के क्षेत्र में बहुत बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर मिला है। हमारी टीम के साथ जिस चीज की कमी थी उसे अब धीरे-धीरे दूर किया जा रहा है। हॉकी के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक का सकारात्मक रुख है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वो दिन दूर नहीं जब हम पुराने दौर की तरह फिर से हॉकी में मेडल हासिल कर पाएंगे।