स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का केस अर्जेंट प्रकृति का स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका अर्जेंट प्रकृति की है। इसके तहत स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से उनके अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने प्रभारी जिला जज की अदालत में दायर याचिका में शिवलिंगनुमा आकृति (आदि विश्वेश्वर) के नियमित पूजा-पाठ की मांग की गी है। ये याचिका चार जून की शाम दायर की गई थी। बता दें कि दीवानी अदालत में ग्रीष्मावकाश चल रहा है जिसके चलते याचिका को अर्जेंट प्रकृति का मान करके सुनवाई की मांग की गई है।
अंजुमन कमेटी के पदाधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने के मामले में स्पेशल सीजेएम की कोर्ट में सुनवाई एक अन्य याचिका स्पेशल सीजेएम की कोर्ट में दाखिल की गई है। इसमें अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव, कमेटी के सदस्यों और 1000 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। इन सभी पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप है।
शिवलिंगनुमा आकृति के पास गंदगी फैलाने का अंजुमन कमेटी पर आरोप दूसरी याचिका चौबेपुर क्षेत्र के बर्थराकला निवासी वकील राजा आनंद ज्योति सिंह की है जो उन्होंने तीन3 जून को स्पेशल सीजेएम की कोर्ट में दायर की थी। इस आवेदन में कहा गया है कि ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने में जहां सर्वे के दौरान शिवलिंगनुमा आकृति मिली है वहां लोग हाथ-पैर धोते हैं। ये तब है जब उन्हें ये भली-भांति पता है कि वहां शिवलिंग है। आरोप ये भी है कि अदालत के आदेश के बाद भी लोग वहां हाथ-पैर धोने की जिद पर अड़े रहे। इससे असंख्य सनातन धर्मियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है।
याची पुलिस से शिकायत भी कर चुके हैं
याची राजा आनंद ज्योति सिंह का कहना है कि उन्होंने इस मामले के संबंध में चौक थाने की पुलिस से शिकायत भी की थी, पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो उन्हें अदालत की शरण में आना पड़ा। उन्होंने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन, कमेटी के सदस्यों और 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। कोर्ट आज मुकदमें की पोषणीयता पर सुनवाई करेगी।