साल की आखरी संध्या पर गुलजार हुआ गंगा घाट, मां की आरती में नव वर्ष के लिए की गई मंगलकामना
धर्म की नगरी काशी में साल की शुरुआत भी देवालयों के दर्शन के साथ होती है और साल की विदाई भी। इसी क्रम में शहर के प्रसिद्ध गंगा घाट पर हजारों श्रद्धालुओं ने साल के अंतिम दिन मां गंगा की भव्य आरती में शिरकत कर मां गंगा से नये साल के लिए मंगलकामना की।
वाराणसी। काशी के दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध संध्या गंगा आरती में साल एक अंतिम दिन हजारों लोगों ने हाजिरी लगाईं। लोगों ने नववर्ष के लिए मां गंगा से मंगलकामना की और देश को धन-धान्य से भरने की प्रार्थना की। इस दौरान गंगा आरती करवाने वाली संस्था गंगा सेवा निधि ने भव्य गंगा आरती करवाई और घाट पर 1100 दीयों से घाट पर स्वागतम 2024 लिखा गया। इस दौरान हजारों भक्तों ने गंगा आरती की और मां से नए साल की पूर्व संध्या पर आशीर्वाद लिया।
साल के अंतिम दिन उमड़ा सैलाब धर्म की नगरी काशी में आने वाला हर कोई दैनिक संध्या गंगा आरती का साक्षी बनना चाहता है। प्रधानमंत्री की परिकलपना से साकार हुए विश्वनाथ धाम के भव्य निर्माण के बाद काशी में नया साल मनाने वालो की संख्या में इजाफा हुआ है। इंदौर से आये श्रद्धालुओं ने कहा कि पहले हमारी युवा पीढ़ी क्लब और डिस्को में नया साल मनाती थी पर मोदी जी के प्रयासों से युवा पीढ़ी अपने धर्म की तरफ लौट रही है। इसी वजह से आज यहां घाट पर भीड़ है। हम लोग भी नए साल में बाबा विश्वनाथ के दर्शन को आए हैं और अब यहां आरती देख रहे हैं। इस दौरान विधिवत गंगा पूजन के बाद गंगा आरती की गई जिसकी भव्यता देख लोगों ने गंगा मैया के जयकारे लगाए।
देश के कल्याण और विश्व शांति की हुई प्रार्थना इस संबंध में गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि साल के अंतिम दिन आज हमने भव्य गंगा पूजन और भव्य गंगा आरती करवाई है। यहां 1100 दीयों से स्वागतम 2024 भी लिखा गया है। इस दौरान अर्चकों ने गंगा पूजन के दौरान देश एक कल्याण और विश्व शान्ति की प्रार्थना माता गंगा से की है ताकि देश में सुख समृद्धि आए। विश्व शान्ति के लिए भी विशेष पूजा की गई है।
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