काशी विश्वनाथ मंदिर में सीआरपीएफ के बाद भारी संख्या में पुलिस व पीएससी तैनात रहती थी, लेकिन आये दिन श्रद्धालुओं व स्थानीय दुकानदार से पुलिस व पीएससी के जवानों का विवाद होता रहता था। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी लगातार पुलिसकर्मियों के व्यवहार को सुधारने का प्रयास करते थे लेकिन अधिक सफलता नहीं मिलती थी। इसके चलते ही यहां से पुलिस व पीएससी की जगह पूर्व सैनिकों की तैनाती का निर्णय किया गया है। काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के लिए सैकड़ों पवाइंट बनाये गये हैं। सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के साथ एनडीआरएफ, पीएससी, खूफिया विभाग, बम निरोधक दस्ते तैनात रहते हैं। काशी विश्वनाथ व ज्ञानवापी परिसर की सुरक्षा के सख्त बंदोबस्त किये गये हैं, जिसके चलते ही यहां पर भारी फोर्स तैनात है। मंदिर प्रशासन ने पूर्व में एक पहल की थी, जिसमे पुलिस जवानों को धोती व कुर्ता में तैनात किया गया था लेकिन यह प्रयोग अधिक सफल नहीं हो पाया। इसके बाद यहां पर अब पूर्व सैनिकों की तैयारी का निर्णय किया गया है। विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह के अनुसार पूर्व सैनिकों को तैनात करने के प्रस्ताव को गृह मंत्रालय से अनुमति मिल गयी है अब तैनाती की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। हम लोगों का उद्देश्य परिसर की सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित किये बिना ही सुगम दर्शन उपलब्ध करना है। बताते चले कि अब सावन आने वाला है यदि सावन में करोड़ों श्रद्धालु यहां पर दर्शन करते आते हैं, ऐसे में सावन के समय पूर्व सैनिकों की तैनाती करना आसान नहीं होगा।
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