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वाराणसी

दुनिया के सामने इस सच्चाई को लाने के लिए ठेकेदार ने चीफ इंजीनियर के कक्ष में खुद को मारी थी गोली

सरकार बदलती रहे लेकिन नहीं बदली व्यवस्था, भ्रष्ट सिस्टम ने कर दिया था इतना बेबस की देनी पड़ी जान

वाराणसीAug 30, 2019 / 12:23 pm

Devesh Singh

Contractor Avadhesh Srivastava

Contractor Avadhesh Srivastava

वाराणसी. पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर के कक्ष में गोली मार कर आत्महत्या करने वाले अवधेश श्रीवास्तव की नयी कहानी सामने आयी है। पूर्वांचल का बड़ा ठेकेदार किस तरह इतना बेबस हो गया था कि उसे अपनी जान तक देनी पड़ी। ठेकेदार ने खुद को मौत देकर दुनिया के सामने वह सच्चाई लायी है जिसके बारे में लोग सुनते थे, लेकिन कभी देखा नहीं था।
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सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार में भी अधिकारियों का भ्रष्टाचार जारी है। एक ठेकेदार को वसूली के लिए इतना अधिक प्रताडि़त किया गया कि उसे अपनी जान देनी पड़ी। ठेकेदार के एक करीबी व्यक्ति ने बताया कि महिला अस्पताल के नये भवन के लिए बजट नहीं मिल रहा था अधिकारी लगातार कमीशन के लिए दबाव बनाते थे इसके चलते अवधेश श्रीवास्तव इतना बेबस हो गये थे कि पत्नी के गहनों को बेचने व गिरवी रखने के बाद मकान को भी गिरवी रखा था ताकि मिले पैसों से मजदूरों व अन्य लोगों को भुगतान किया जा सके। अवधेश श्रीवास्तव को लगा था कि एक बार काम पूरा हो जायेगा तो उन्हें बकाया पैसे मिल जायेंगे। इसके बाद गहने व मकान को वापस ले लेंगे। अवधेश श्रीवास्तव को यह नहीं पता था कि अधिकारियों की भूख इतनी बढ़ चुकी है कि ठेकेदार को अपनी जान तक देनी पड़ेगी।
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चेक के लिए जेई को दिया था 10 लाख का कमीशन
अवधेश श्रीवास्तव की पत्नी प्रतिभा श्रीवास्तव लगातार कह रही है कि उनके पति ने सुसाइड नहीं किया है उनकी हत्या की गयी है। पत्नी ने बताया कि पिछले शुक्रवार को जेई मनोज सिंह हमारे आवास पर आये थे और पति ने उन्हें 10 लाख रुपया कमीशन दिया था इस पर जेई ने आश्वासन दिया था कि सोमवार को उनका चेक आ जायेगा। सोमवार को अवधेश श्रीवास्तव पीडब्ल्यूडी गये थे लेकिन उन्हें चेक नहीं मिला था इसके बाद वह इतने निराश हो गये थे कि 28 अगस्त को विभाग के चीफ इंंजीनियर अंबिका सिंह के कक्ष में गोली मार कर आत्महत्या कर ली।
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कई दिनों से लिख रहे थे सुसाइड नोट
पीडब्ल्यूडी की कमीशनखोरी ने अवधेश श्रीवास्तव को इतना बेबस कर दिया था कि उन्हें आत्महत्या करनी पड़ी। पिछले कई दिनों से वह सुसाइड नोट लिख रहे थे। बेटे ने उन्हें कई दिनों से कुछ लिखते हुए देखा था और पूछा था कि क्या लिख रहे हैं इस पर अवधेश श्रीवास्तव ने उसे डांट कर दूसरे कमरे में जाने को कहा था। घटना के दिन 28 अगस्त को अवधेश श्रीवास्तव सुसाइड नोट लेकर घर से निकले थे और जाते समय पत्नी से कहा था कि आज सब फाइन कर दूंगा। किसी को यह नहीं पता था कि अवधेश इतना बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं।
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ब्लैक लिस्ट करने की मिलती थी धमकी, बिजली विभाग भी पड़ा था पीछे
अवधेश श्रीवास्तव को पूर्वांचल का बड़ा ठेकेदार माना जाता था। मायावती, अखिलेश यादव सरकार में भी उन्हें सरकारी ठेके मिलते थे। सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार में भी बड़ा काम मिला था लेकिन अधिकारियों की वसूली इतना अधिक बढ़ गयी थी कि इतने बड़े ठेकेदार को ऐसा कदम उठाना पड़ा। अधिकारियों ने महिला अस्पताल के निर्माण में पैसा कमाने के लिए मानक को ताक पर रख दिया था। ठेकेदार से लगातार काम कराया जा रहा था लेकिन उसे भुगतान नहीं होता था। पैसा मांगने पर अधिकारी ब्लैक लिस्ट करने की धमकी देते थे। बिजली विभाग ने भी बिजली चोरी के आरोप में एक करोड़ का जुर्माना लगाया था और पैसे नहीं देने पर जेल भेजने की धमकी दी जाती थी। ठेकेदार ने मकान गिरवी रखने से मिले पैसे से भी काम कराया था, फिर भी भुगतान नहीं हुआ तो उसे सच्चाई सबके सामने लाने के लिए जान देनी पड़ी।
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