उन्होंने बताया कि आज ही मैने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर को अपना इस्तीफा मेल कर दिया है। कांग्रेस नेतृत्व को भेजे अपने पत्र में मणिशंकर पांडेय ने कहा है कि 45 वर्ष के राजनीतिक कार्यकाल में मैने कांग्रेस द्वारा दी गई तमाम जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया। कांग्रेस में रहते हुए एनएसयूआई, युवक कांग्रेस, सेवादल तथा कांग्रेस के विभिन्न पदों पर काम किया। उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य भी रहा। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने मेरे कार्यों को देखते हुए सेवादल का उत्तर प्रदेश अध्यक्ष बनाया। उन्होंने ही विधान परिषद में भेजा।
उन्होंने लिखा है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में सामाजिक, आध्यात्मिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक चेतना का पथ प्रदर्शक रहा। स्वतंत्रता संग्राम का अगुवा रहा है। अनेक प्रधानमंत्री दिए लेकिन सत्ता की लोलुपता ने केंद्र की राजनीति में अपने को बनाए रखने की मानसिकता के चलते देश के सबसे बड़े जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में जातीयी एवं क्षेत्रीय पार्टी के हाथों में सौंपने पर कांग्रेस ने अपने को गौरवांवित महसूस किया। दुःख केसाथ कहना पड़ रहा है कि आज की वर्तमान कांग्रेस स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू, स्वर्गीय इंदिरा गांधी व स्वर्गीय राजीव गांधी की विचारधारा की कांग्रेस नही रही। गठबंधन की राजनीति ने कांग्रेस के स्वाभिमान व चरित्र को जीर्ण शीर्ण कर दिया है। आने वाले लोकसभा चुनाव में हो रहे गठबंधन से न सिर्फ कांग्रेस की आत्मा को चोट लगेगी बल्कि प्रदेश और देश के लिए भी यह गठबंधन हानि देगा।
उऩ्होंने आगे लिखा है कि पार्टी में अनुभवी, ईमानदार एवं समर्पित कार्यकर्ताओं के लिए अब कोई स्थान नहीं बचा है। पार्टी में अधिकांश महत्वपूर्ण व प्रभावी पदों पर गैर कांग्रेसी लोगों ने अपना सिक्का जमा लिया है। उसी का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के मात्र सात विधायक हैं तथा कांग्रेस उत्तर प्रदेश में चुनाव हारने के बाद भी हार के कारणों पर विचार करने का साहस नहं दिखा पाई। अब प्रदेश में अध्यक्षों की नियुक्ति सेलिब्रिटी एवं दूसरे दलों से आए लोगों से होने लगी है। परिणामस्वरूप आज उत्तर प्रदेश की दो सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए भी सहयोगी दलों के साथ गठबंधन करना पड़ रहा है। अतः मैं बहुत दुःखी मन से उत्तर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष तथा कांग्रेस की आजीव सदस्यता से त्याग पत्र देता हूं।