चुनाव लड़ने से जिंदा रहेगा लोकतंत्र
कॉमेडियन श्याम रंगीला ने बताया कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि लोकतंत्र जिंदा रहे। उन्होंने कहा कि आजकल किसी का पता नहीं है कि कौन कब नामांकन वापस ले ले। ऐसे में वह चुनावी मैदान पर डटे रहेंगे। वह जनता को यह संदेश देंगे कि चुनाव होगा और लोग उनके लिए भी मतदान कर सकते हैं। 29 साल के श्याम रंगीला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मिमिक्री से ही चर्चा में आए हैं। वह कॉमेडी शो में भी भाग ले चुके हैं।
लोगों के पास मतदान का रहेगा विकल्प
श्याम रंगीला ने कहा, “हम कम से कम यह कहने के लिए वहां पर खड़े हुए होंगे कि हम यहां पर लोकतंत्र खतरे में नहीं आने देंगे। यहां लोगों को मतदान करने के लिए विकल्प मिलेगा। सूरत और इंदौर जैसी स्थिति नहीं होगी।” इंदौर और सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवारों ने नाम ही वापस ले लिए हैं। सूरत में तो बीजेपी कैंडिडेट की निर्विरोध जीत मिलने की राह साफ हो गई है। इसके अलावा इंदौर में भी अब कोई मुकाबला नहीं है और छोटे दलों या फिर निर्दलीय कैंडिडेट ही अब मैदान में हैं।
मैं असली फकीर
पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने पर ईडी के डर के सवाल पर श्याम रंगीला ने कहा कि मुझे इसका कोई डर नहीं है। मेरे खाते चेक किए जाएंगे तो उनमें कुछ नहीं मिलेगा। असली फकीर तो मैं ही हूं, जो झोला उठाकर चल देंगे जी।
मैं भी था मोदी भक्त
श्याम रंगीला ने बताया कि मैं एक दौर में पीएम नरेंद्र मोदी का फैन था। उन्होंने कहा कि 2016-17 तक मैं भक्त था। लेकिन मेरे ऊपर पाबंदियां लगाई गईं। मुझे टीवी शो के ऑफर भी मिलते थे। लेकिन जब मैं पहुंचता तो देखता था कि स्क्रिप्ट मंजूर नहीं हुई और मुझे हटा दिया गया है।