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वाराणसी

यूपी में कहर बन रहा ब्लैक फंगस, अब तक 73 केस मिले, आसानी से इंफेक्शन की चपेट मे आ रहे यह लोग

यूपी में Black Fungus के 70 से अधिक मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा केस वाराणसी जिले में है

वाराणसीMay 14, 2021 / 10:48 am

Karishma Lalwani

black fungus

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वाराणसी. Black Fubgus in UP. कोरोना संक्रमण के बीच उत्तर प्रदेश में अब ब्लैक फंगस (Black Fungus) यानी कि म्यूकोर माइकोसिस ने भी पांव पसारना शुरू कर दिया है। यूपी में अब तक 73 मामले सामने आए हैं। इनमें कानपुर में दो मरीजों की मौत हो चुकी है। मथुरा में दो और लखनऊ में एक मरीज की आंख की रोशनी जा चुकी है। सबसे ज्यादा 20 केस वाराणसी में सामने आए हैं। इसमें आसपास के जिलों से आए केस भी शामिल हैं। उधर, राजधानी लखनऊ में ब्लैक फंगस से पहली मौत सामने आई है। लखनऊ के लोहिया संस्थान में इस इंफेक्शन से एक महिला की मौत हो गई है। ब्लैक फंगस के बढ़ते प्रकोप पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट तलब की है। हालांकि, इसके इलाज के लिए अभी तक कोई गाइडलाइन नहीं है लेकिन कोरोना के इस बीमारी के केस मिलने पर योगी सरकार ने चिंता जाहिर की है। सीरम इंस्टीट्यूट ने दवा कारोबारियों से सोमवार तक यूपी में इंजेक्शन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
आधा चेहरा निकालकर ऑपरेशन

पूर्वांचल में इस वक्त सबसे ज्यादा केस वाराणसी में हैं। कोरोना कहर के बीच अब ब्लैक फंगस लोगों को सताने लगा है।बीएचयू के ईएनटी विभाग में इस इंफेक्शन से पीड़ित तनीमा नामक महिला का आधा चेहरा निकालकर उसकी जान बचाई गई। यह पहला मामला है, जब किसी मरीज का आधा चेहरा डॉक्टरों को निकालना पड़ा हो। महिला का जबड़े समेत आधे चेहरे को निकालकर उसकी जान बचाई गई। तनीमा का ऑपरेशन करने वाले सर्जन डॉ. एसके अग्रवाल ने कहा कि संक्रमण इतना ज्यादा था कि जान बचाने के लिए आंख के साथ बाईं तरफ का जबड़ा, नाक का बायां हिस्सा और गाल की एक हड्डी भी निकालनी पड़ी। फंगस की वजह से उसका चेहरा काला पड़ गया था। इससे पहले बीएचयू में भी ब्लैक फंगस के केस आए थे लेकिन उनमे चेहरा निकालने की नौबत नहीं आई थी। सिर्फ नाक से ही ऑपरेशन कर बचाया गया था।
मेरठ में पांच केस

मेरठ में ब्लैक फंगस के पांच नए केस सामने आए हैं। कुल मरीज आठ हैं। इनमें से चार मरीजों का निजी अस्पताल में इलाज हो रहा है, जबकि चार मरीजों का इलाज मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है।
जानें ब्लैक फंगस के लक्षण

केजीएमयू नेत्र रोग विभाग डॉ. संजीव कुमार गुप्ता का कहना है कि हैवी डोज स्टेरॉयड लेने वालों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। साथ ही वह मरीज जो हफ्तेभर आईसीयू में इलाज करा घर लौटे हैं उन्हें भी सतर्क रहने की जरूरत है। इन मरीजों की नाक में दिक्कत और सांस फूलने की शिकायत पर ईएनटी विशेषज्ञ या चेस्ट रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। ब्लैक फंगस खून के जरिए आंख, दिल, गुर्दे और लिवर पैंक्रियाज को नुकसान पहुंचाता है। इंफेक्शन में आंखों में तेज जलन और पुतलियों में परेशानी होती है। इसके अलावा दांत दर्द, जबड़ों में दर्द, दर्द के साथ धुंधला दिखना जैसी परेशानी भी होती है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
यूपी सरकार ने बनाई रणनीति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्लैक फंगस का संज्ञान लिया है। इंफेक्शन से बचाव के लिए उन्होंने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा व राज्य स्तर पर गठित स्वास्थ्य विशेषज्ञों की समिति इस संबंध में रणनीति बनाने के निर्देश दिए हैं। ब्लैक फंगस से बचाव, सावधानियां, लाइन ऑफ ट्रीटमेंट आदि के बारे में सीएम कार्यालय ने विस्तृत जानकारी मांगी है।
कहां कितने केस

– वाराणसी में 20

– लखनऊ में 15

– गोरखपुर में 10

– प्रयागराज में 6

– गौतमबुद्ध नगर में 5

– मेरठ में 4
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