कोरोना के बाद ब्लैक फंगस के बढ़ रहे मामले, बीएचयू में आए पांच से ज्यादा मामले, आंखों पर पड़ रहा असर
वाराणसी. कोरोना संक्रमण (Covid-19) के बीच लोगों में ब्लैक फंगस (Black Fungus) नामक नई बीमारी पनप रही है। बीएचयू (BHU) के ईएनटी डिपार्टमेंट में ऐसे मरीजों का आना भी शुरू हो गया है जो ब्लैक फंगस की बीमारी से ग्रसित हैं। दो मरीजों के ऑपरेशन भी हो गए हैं। बीएचयू ईएनटी डिपार्टोमेंट के चिकित्सक डॉ. एसके अग्रवाल के अनुसार, कोरोना संक्रमित मरीजों में ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस के लक्षण दिख रहे हैं। इसे म्युकरमाइकोसिस भी कहा जाता है। पहले शुगर वाले मरीजों में इस तरह के मामले मिलते थे। लेकिन अब कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस होने का खतरा बढ़ रहा है।
दो मरीजों का ऑपरेशन डॉ. एसके अग्रवाल ने कहा कि अब तक दो मरीजों का ऑपरेशन हो चुका है। ऑनलाइन परामर्श के बाद सात मरीजों को बुलाया गया है। इसमें दो का ऑपरेशन हो चुका है, एक महिला के ऑपरेशन की तैयारी है। चार अन्य मरीज हैं। उनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इलाज शुरू होगा।
नाक से फैलता है फंगस बीएचयू के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रो. विजयनाथ मिश्रा का कहना है कि ब्लैक फंगस की बीमारी (म्यूकॉरमाइकोसिस) नाक से फैलती है। इस फंगस को गले में ही शरीर की एक बड़ी धमनी कैरोटिड आर्टरी मिल जाती है। आर्टरी का एक हिस्सा आंख में रक्त पहुंचाता है। फंगस रक्त में मिलकर आंख तक पहुंचता है। इसी कारण ब्लैक फंगस या ब्लड फंगस से संक्रमित मरीजों की आंख निकालने के मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ गंभीर मामलों में मस्तिष्क भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो सकता है।