बीजेपी ने विधान परिषद के शिक्षक निर्वाचन चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। इसे एमएलसी चुनाव भी कहते हैं। अभी तक बीजेपी इस चुनाव में किसी प्रत्याशी को अपना सिंबल नहीं देती थी। पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में अलगे साल अप्रैल में यह चुनाव होने हैं और इस बार का चुनाव जबरदस्त होने वाला है क्योंकि बीजेपी पहली बार इस चुनाव में उतरने वाली है। वाराणसी शिक्षक निर्वाचन सीट से लगातार दूसरी बार सदस्य बने चेतनारायण सिंह की परेशानी इस बार बढ़ सकती है। चेतनारायण सिंह को बीजेपी का कट्टर समर्थक माना जाता है लेकिन वह निर्दलीय ही चुनाव लड़ते थे और बीजेपी का उनको समर्थन मिलता था लेकिन इस बार की राजनीतिक कहानी बदलने वाली है। वाराणसी शिक्षक निर्वाचन सीट के सदस्य व माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष चेतनारायण सिंह ने साफ कर दिया है कि वह निर्दल ही चुनावी मैदान में डटेंगे। उनके बयान से साफ है कि बीजेपी उन्हें टिकट देती भी है तो वह निर्दल ही चुनाव लडऩा पसंद करेंगे। अभी तक चेतनारायण सिंह को बीजेपी का समर्थन मिलता था लेकिन वह निर्दल लड़ते हैं और बीजेपी भी अपना प्रत्याशी उतार देती है तो लड़ाई जबरदस्त हो जायेगी।
यह भी पढ़े:-जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने पर बना यह नया गाना, आप भी सुन कर कहेंगे वाह सपा ने की थी शुरूआतसपा ने इस चुनाव में सबसे पहले प्रत्याशी उतारा था। सपा के प्रत्याशी को आगरा में सफलता मिली थी। अखिलेश यादव इस बार प्रत्याशी उतारते हैं या किसी को समर्थन देते हैं यह तो समय ही बतायेगा। बीजेपी के लिय यह चुनाव कड़ी परीक्षा वाला साबित हो सकता है। गृहमंत्री अमित शाह की रणनीति व सीएम योगी आदित्यनाथ के शासन में कितनी सफल होगी। इस पर सबकी निगाहे होगी। यूपी में अभी १० से अधिक सीट पर उपचुनाव होने वाला है इसके बाद ही शिक्षक निर्वाचन होगा। उपचुनाव के बाद अंदाज लगेगा कि एमएलसी चुनाव में बीजेपी की राह कैसी रहेगी।
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