यह भी पढ़े:-PWD ठेकेदार सुसाइड केस, पांच निलंबित, मुख्य अभियंता समेत आठ पर केस
बनारस में सभी घरों तक पानी पहुंचाने के लिए सिस वरूणा पेयजल योजना मायावती सरकार के समय आरंभ हुई थी। योजना के तहत पार्कों से हरियाली को हटा कर वहां पर ओवरहैंड टैंक बनाये गये थे। 227 करोड़ की योजना के तहत 466 किलोमीटर पाइन बिछानी थी। बसपा सरकार के बाद यूपी में अखिलेश यादव की सरकार थी उस समय पाइप बिछाने का काम हुआ था। आजम खां नगर विकास मंत्री थे और सारी पाइप की सारी आपूर्ति लखनऊ से की गयी थी। आपूर्ति की गयी पाइप आठ ईंच की एसी व चार इंच की पीवीसी पाइप थी। पाइप बेहद घटिया किस्म की थी जो पहली बार ही पानी आपूर्ति का दबाव नहीं झेल पायी और फट गयी थी। खास बात है कि घटिया पाइप आपूर्ति के समय अधिकारियों ने भी चुप्पी साधी थी जिससे आराम से घटिया पाइप की सप्लाई होती रही थी।
यह भी पढ़े:-संदिग्धवस्था में बालक की मौत के बाद शव गायब करने के आरोपी चिकित्सक को कोर्ट ने दिया झटका
पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में सभी घरों तक जल पहुंचाने की योजना बनायी है। योजना की जानकारी होते ही सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार एक्शन में आयी। इसके बाद अधिकारियों ने ओवरहेड टैंक से पानी की सप्लाई का प्रयास किया था लेकिन जगह-जगह पाइप फट जाने के चलते सड़क धंसने लगी थी इसके बाद ही सीएम योगी ने जांच करा कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया था। फिलहाल इस जांच में पहली बार आजम खां का नाम भी सामने आया है अब देखना है कि यहां हुई गड़बड़ी में उनको लेकर क्या कार्रवाई होती है।
यह भी पढ़े:-बनारस में PWD में कमीशनखोरी के खुलासे के बाद प्रधान डाकघर में हुआ एक करोड़ का गबन