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वाराणसी

आखिर क्या होगा इस बाहुबली का, अभी तक नहीं बनायी अलग पार्टी

लोकसभा चुनाव 2019 में महागठबंधन से टिकट मिलना कठिन, जेल से ही चुनाव लडऩे की तैयारी

वाराणसीJul 18, 2018 / 01:51 pm

Devesh Singh

Atiq Ahmed

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वाराणसी. सुपारी किंग मुन्ना बजरंगी भी चुनाव जितना चाहता था लेकिन जेल में हत्या हो जाने के से उसकी यह हसरत पूरी नहीं हो पायी है। लोकसभा चुनाव 2019 में कई ऐसे बाहुबली है जो चुनावी मैदान में उतरने को बेकरार है। इसी सूची मे उस बाहुबली का भी नाम शािमल है, जिसने अपनी अलग पार्टी बनाने की बात की थी लेकिन अभी तक उसकी घोषणा नहीं हो पायी है।
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जेल में बंद बाहुबली अतीक अहमद के लिए लोकसभा चुनाव 2019 की राह आसान नहीं है। कभी मुलायम सिंह यादव के खास माने जाने वाले अतीक अहमद इस समय किसी दल में नहीं है। अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा 2017को टिकट काटा था जिसके बाद से अतीक अहमद ने सपा को छोड़ दिया था। फूलपुर संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में अतीक अहमद ने निर्दल प्रत्याशी के रुप में भाग्य आजमाया था लेकिन सफलता नहीं मिली थी। इसी समय अतीक अहमद ने खुद की पार्टी बनाने की बात कही थी जिस पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है। जबकि कई बाहुबलियों ने अभी से लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारी शुरू कर दी है।
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Atiq Ahmed
IMAGE CREDIT: Patrika
महागठबंधन से टिकट मिलना होगा कठिन
अतीक अहमद के अखिलेश यादव से अच्छे संबंध नहीं है। राजू पाल की हत्या का आरोप लगने के बाद से मायावती भी अतीक अहमद से बेहद नाराज चल रही थी। बीजेपी से अतीक अहमद को टिकट मिल नहीं सकता है। अतीक के परिजनों ने बसपा सुप्रीमो मायावती से तल्खी कम करने का प्रयास किया है लेकिन अधिक सफलता नहीं मिल पायी है ऐसे में बड़ा सवाल है कि अतीक अहमद अपनी नयी पार्टी नहीं बनाते हैं तो किस दल के सहारे चुनाव लड़ेंगे।
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सीधी होगी टक्कर, तीसरे प्रत्याशी की कम होगी भूमिका
लोकसभा चुनाव में बीजेपी व महागठबंधन में सीधी टक्कर होने की संभावना है। यदि ऐसा होता है तो तीसरे दल या प्रत्याशी के जितने की संभावना बेहद कम हो जायेगी। ऐसे में अतीक अहमद को भी चुनाव जितने के लिए किसी बड़े दल के सहारे की जरूरत है। बाहुबली अतीक अहमद किसी भी तरह महागठबंध का टिकट पाने में सफल हो जाते हैं तो चुनावी राह आसान हो सकती है।
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