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अतीक अहमद के अखिलेश यादव से अच्छे संबंध नहीं है। राजू पाल की हत्या का आरोप लगने के बाद से मायावती भी अतीक अहमद से बेहद नाराज चल रही थी। बीजेपी से अतीक अहमद को टिकट मिल नहीं सकता है। अतीक के परिजनों ने बसपा सुप्रीमो मायावती से तल्खी कम करने का प्रयास किया है लेकिन अधिक सफलता नहीं मिल पायी है ऐसे में बड़ा सवाल है कि अतीक अहमद अपनी नयी पार्टी नहीं बनाते हैं तो किस दल के सहारे चुनाव लड़ेंगे।
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लोकसभा चुनाव में बीजेपी व महागठबंधन में सीधी टक्कर होने की संभावना है। यदि ऐसा होता है तो तीसरे दल या प्रत्याशी के जितने की संभावना बेहद कम हो जायेगी। ऐसे में अतीक अहमद को भी चुनाव जितने के लिए किसी बड़े दल के सहारे की जरूरत है। बाहुबली अतीक अहमद किसी भी तरह महागठबंध का टिकट पाने में सफल हो जाते हैं तो चुनावी राह आसान हो सकती है।
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