राजपत्रित अधिकारी निभायेंगे नोडल अधिकारी का किरदार, लेना होगा प्रशिक्षण के हर कार्यक्रम के हिस्सा साइबर क्राइम के एडीजी श्री रामकुमार ने बताया कि 15 से 30 सितंबर के मध्य जूम एप के जरिये साइबर प्रशिक्षण का आनलाइन कार्यक्रम संचालित होगा। हर थाने में नियुक्त कंप्यूटर आपरेटर, महिला हेल्प डेस्क पर तैनात महिला आरक्षी, थाने के चार उपनिरीक्षक व चार आरक्षी के साथ-साथ रेंज साइबर थाने के सभी पुलिसकर्मी हिस्सा लेंगे। साइबर विशेषज्ञ आनलाइन आधारभूत साइबर प्रशिक्षण देंगे। साइबर अपराध के बदलते तरीकों व खासकर साइबर फ्राड के मामलों की जानकारी देंगे। इनकी रोकथाम के लिए उठाए जाने वाले कदमों से लेकर साइबर अपराध की विवेचना की बारीकियों को समझते हुए इंटरनेट मीडिया व आइटी एक्ट के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
साइबर सुरक्षा के लिए क्राइम डेस्क की घोषणा पहले ही की जा चुकी है आपको बता दें कि बीते दिनों हर थाने में साइबर क्राइम डेस्क की स्थापना किए जाने की घोषणा की गई थी, जिसके तहत हर थाने में मौजूद पुलिसकर्मी साइबर अपराध के पीडि़तों को जल्द से जल्द सही सहायता करने का उद्देश था।
कई बड़े शहरों में काम कर रहे है साइबर डेस्क उत्तर प्रदेश के कई बड़े जिलों में साइबर अपराधियों से लोगो को बचाने के लिए साइबर सुरक्षा सैल बने हुए है, लोगो की सहूलियत के लिए ये सैल लोगो को मार्गदर्शन के साथ साथ कार्यवाही में भी मदद करते हैं। नोएडा जैसी स्मार्ट सिटी में पुलिस की ये साइबर डेस्क शुरू हो चुकी है, और लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, वाराणसी जैसी छेत्रों में भी यह डेस्क चालू हो चुकी है।
ऑनलाइन दी जाएगी ट्रेनिंग प्रदेश के हर जिले तक पहुंचने के लिए इंटरनेट का भी सहारा लिया जाएगा, और जिले के अधिकारियों को ऑनलाइन भी सिखाया जाएगा जिसके बाद वह अपने अपने जिले के अन्य पुलिसकर्मियों को साइबर सुरक्षा की जानकारी दे सके। कैसे ठगी हुई रकम को बैंक में फ्रीज करना है और कैसे मैपिंग कर ठग का पता लगाना है। यह ट्रेनिंग में सिखाया जाएगा।