‘बुलडोजर’ ने फेरा अखिलेश ने अरमानों पर पानी अखिलेश ने जब मुख्यमंत्री योगी को बुलडोजर बाबा कहकर संबोधित करना शुरू कर दिया था, तब शायद किसी ने सोचा भी न होगा कि योगी आदित्यनाथ इसी को अपनी पहचान बना लेंगे और यही बुलडोजर सपा अध्यक्ष के अरमानों पर पानी फेर देगा। आज पूरे प्रदेश में यही बुलडोजर योगी के प्रचार का ब्रांड बन गया है। योगी को बुलडोजर बाबा कह कर संबोधित करने करने की शुरुआत यूपी चुनाव की घोषणा के लगभग दो महीने पहले हुई थी। योगी आदित्यनाथ प्रचार में लगे हुए थे। 20 जनवरी को कन्नौज-इटावा समेत 16 जिलों में तीसरे चरण के वोट पड़ रहे थे। अखिलेश तभी अयोध्या में चौथे चरण के लिए रैली कर रहे थे। रैली में मंच से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, ‘जो जगहों का नाम बदलते थे, आज एक अखबार ने उनका नाम बदल दिया।अखबार अभी गावों में नहीं पहुंचा होगा। हम बता देते हैं। उनका नया नाम है- बाबा बुलडोजर।’
बुलडोजर को बनाया हथियार अखिलेश के योगी को बुलडोजर बाबा कहने के बाद प्रदेश में इसी बुलडोजर का प्रचार तेजी से शुरू हो गया। योगी ने इसे ही अपना हथियार बनाकर अखिलेश को करारा जवाब दिया, ‘बुलडोजर हाईवे भी बनाता है, बाढ़ रोकने का काम भी करता है। साथ ही माफिया से कब्जे को भी मुक्त कराता है।’ 25 फरवरी को छठे चरण के चुनाव प्रचार के लिए निकले योगी ने हेलिकॉप्टर की एक फोटो शेयर की थी। उनकी रैली में कई बुलडोजर खड़े नजर आए थे। धीरे-धीरे यही बुलडोजर ब्रांड बन गया। चुनाव में ‘यूपी की मजबूरी है बुलडोजर बाबा जरूरी है’ के नारे बुलंद हो गए।
10 मार्च को चुनाव नतीजे घोषित किए गए जिसमें बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की। 403 में से बीजेपी ने 273 सीटें अपने नाम की हैं।