दाउद को मारने पहुंच गया था कराची
मुंबई सीरियल ब्लास्ट को अंजाम देने के बाद अंडरवर्ड डॉन दाउद इब्राहिम अपना कारोबार छोटा शकील को सौंपकर पाकिस्तान भाग गया था। इस पर उसके विरोधी गैंग के मुखिया छोटा राजन, बंटी पांडे, विक्की मल्होत्रा और पुनीत तानाशाह ने दाउद को टपकाने की प्लानिंग की। दाउद को उड़ाकर छोटा राजन मुंबई पर राज करना चाहता था। छोटा राजन गिरोह ने दाउद को पाकिस्तान में घुसकर मारने का जिम्मा पीपी को सौंपा था। पीपी एक शार्प शूटर हुआ करता था। पीपी दाउद को मारने कराची भी पहुंच गया था। ऐन मौके पर दाउद बच निकला था।
आचार्य दंडीनाथ से ग्रहण की दीक्षा
नाथ संप्रदाय के आचार्य दंडीनाथ महाराज ने फोन पर हुई बात में दावा किया कि 28 मार्च को हर्षण योग युक्त अमृत वेला में जिला जेल अल्मोड़ा में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पीपी की संन्यास दीक्षा संपन्न हुई। दीक्षा लेने के बाद उसे योगी प्रकाशनाथ नाम दिया गया। सारे अनुष्ठान जेल प्रशासन की निगरानी में हुए।डीआईजी जेल दधिराम मौर्य के मुताबिक जेल के अंदर पूजा पूजा अनुष्ठान हा सकता है। पीपी भले नेही संन्यासी बन गया हो, लेकिन उसे जेल से बाहर पूजा की कोई अनुमति नहीं दी गई है। वह जेल में ही रहेगा।