मुलायम सिंह यादव की तेरहवीं नहीं होगी, पैसों की तंगी के कारण सैफई वाले करते हैं ऐसा
नेता जी की तेरहवीं का आयोजन क्यों नहीं होगा ?मुलायम सिंह यादव की तेरहवीं का आयोजन सैफई की परंपरा के अनुसार नहीं होगा । सैफई वालों का मानना है कि अगर किसी बड़े व्यक्ति के मरने पर तेरहवीं का आयोजन किया जाएगा तो उसका असर गरीबों पर पड़ेगा । बड़े व्यक्ति का देखकर छोटे लोग भी करने लगेंगे । इससे गरीबों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा । हांलाकि पूरी रीति रिवाज के अनुसार 11 वें दिन शुद्धीकरण का हवन किया जाएगा।
मुलायम सिंह यादव जमीन से जुड़े नेता थे और वह हमेशा पिछड़ों की राजनीति करते आए हैं। मुलायम सिंह यादव पिछड़ों के दम पर तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे हैं। मुलायम पिछड़ो वर्ग के अलावा अलग-अलग जातियों के लोगों को अपने साथ जोड़ कर रखा। यही वजह थी कि बुजुर्ग और युवा उन्हें नेताजी कहकर पुकारते थे। मुलायम सिंह के कामों और सरल व्यवहार का ही नतीजा था कि उनकी अंतिम यात्रा में लाखों की संख्या में लोग शामिल हुए।