इस परियोजना के लिए 899.28 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिसमें 676.96 करोड़ रुपये सिविल कार्यों के लिए, 126.82 करोड़ रुपये संकेत एवं दूरसंचार के लिए, 7.29 करोड़ रुपये विद्युत कार्यों के लिए, और 88.21 करोड़ रुपये विद्युतीकरण के लिए खर्च किए जाएंगे।
यात्रा समय में होगी भारी कटौती
इस रेलखंड पर अभी भी लखनऊ-रायबरेली के बीच दोहरीकरण है, लेकिन ऊंचाहार से फाफामऊ के बीच अभी सिंगल ट्रैक है, जिसके कारण ट्रेनों को अधिक समय लगता है। रायबरेली से ऊंचाहार तक का भी दोहरीकरण जल्द ही मंजूर होने की उम्मीद है। परियोजना के पूरा होते ही ट्रेनों की गति 130 किमी/घंटा तक बढ़ाई जा सकेगी, जिससे लखनऊ-प्रयागराज की यात्रा केवल तीन घंटे में पूरी होगी। वंदे भारत ट्रेन, जो अभी तीन घंटे में यह दूरी तय करती है, वह ढाई घंटे में लखनऊ से प्रयागराज पहुंच सकेगी। इसके अलावा, इंटरसिटी ट्रेनें भी केवल तीन घंटे में यह सफर तय करेंगी।
रेल यातायात होगा सुगम और सुविधाजनक
लखनऊ-प्रयागराज रेलखंड पर रोजाना लगभग दो दर्जन यात्री ट्रेनें और एक दर्जन से अधिक मालगाड़ियों का संचालन होता है। इस रेलखंड पर यात्रियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, और सिंगल ट्रैक के कारण ट्रेनों की संख्या बढ़ाना मुश्किल हो रहा था। ऊंचाहार-फाफामऊ के बीच दोहरीकरण और विद्युतीकरण के बाद इस रूट पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी और ट्रेनों का संचालन भी सुचारू हो जाएगा। इसके साथ ही मालगाड़ियों का संचालन भी आसान हो जाएगा, जिससे व्यापार और उद्योगों को भी फायदा होगा।
लखनऊ से प्रयागराज की दूरी घटेगी
लखनऊ और प्रयागराज के बीच की दूरी करीब 200 किमी है। इस दूरी को तय करने में मौजूदा समय में ट्रेनों को लगभग चार घंटे लगते हैं। रेलवे की इस नई योजना के तहत जब ट्रेनों की गति बढ़ेगी, तो यह दूरी तीन घंटे में पूरी हो सकेगी। वंदे भारत ट्रेन, जो हाई-स्पीड ट्रेन है, को यह दूरी तय करने में केवल ढाई घंटे लगेंगे। यात्रियों के लिए यह एक बहुत बड़ी राहत होगी, खासकर उन लोगों के लिए जो रोजाना या नियमित रूप से इस मार्ग पर यात्रा करते हैं। इससे न केवल यात्रा का समय बचेगा, बल्कि सफर भी अधिक आरामदायक और सुविधाजनक हो जाएगा।
रेलवे की बड़ी परियोजना से क्षेत्र को मिलेगा लाभ
रेलवे बोर्ड द्वारा मंजूर की गई इस परियोजना से न केवल यात्रा समय में कटौती होगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। ट्रेनों की गति में वृद्धि से जहां यात्रा का समय बचेगा, वहीं व्यापारिक गतिविधियों और औद्योगिक परिवहन को भी फायदा होगा। यह परियोजना उत्तर प्रदेश के दो महत्वपूर्ण शहरों, लखनऊ और प्रयागराज, के बीच रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी और इस रूट पर यात्रियों और व्यापारियों दोनों को लाभ पहुंचाएगी।
ऊंचाहार-फाफामऊ रेलखंड के दोहरीकरण और विद्युतीकरण से लखनऊ-प्रयागराज के बीच की यात्रा को और भी तेज और सुविधाजनक बनाया जाएगा। रेलवे बोर्ड द्वारा मंजूर की गई यह परियोजना उत्तर प्रदेश के रेल नेटवर्क को बेहतर बनाएगी और यात्रियों के समय की बचत करेगी।