जीवन रक्षक कौशल में लिया व्यावहारिक अनुभव कार्यशाला में बुनियादी जीवन समर्थन प्रशिक्षण, व्यावहारिक सीपीआर, एईडी और डिफाइब्रिलेटर प्रशिक्षण, बैग और मास्क वेंटिलेशन सहित प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया गया, जो प्रतिभागियों को चिकित्सा आपात स्थितियों के प्रबंधन में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करता है। यह कार्यशाला पैरामेडिकल स्टाफ के लिए आवश्यक जीवन-रक्षक कौशल में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का एक उत्कृष्ट अवसर रहा।
डॉ आशु और डॉक्टर भास्कर ने किया संचालन कार्यशाला का संचालन इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, बरेली शाखा की अध्यक्ष डॉ. आशू हिरानी एवं पूर्व अध्यक्ष डॉ. आर के भास्कर द्वारा किया गया, जिन्होंने चिकित्सा आपात स्थितियों के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया और समन्वित प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। यह पहल स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के निर्माण के लिए चल रहे प्रयास का हिस्सा रही, जहां डॉक्टरों से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ तक टीम का प्रत्येक सदस्य गंभीर परिस्थितियों को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए तैयार हो।
आपात स्थिति में निर्णायक रूप से तेजी से कार्य करें स्टाफ आईएमए बरेली के अध्यक्ष डॉ. आर के. सिंह, ने कहा, “यह कार्यशाला यह सुनिश्चित करने के हमारे निरंतर प्रयास का हिस्सा है कि अस्पताल के कर्मचारी चिकित्सा आपात स्थिति के दौरान तेजी से और निर्णायक रूप से कार्य करने के लिए तैयार हो। मेरा मानना है कि इस प्रशिक्षण से स्थानीय स्वास्थ्य देखभाल समुदाय को बहुत लाभ होगा।” कार्यक्रम में आई.एम.ए. बरेली के अध्यक्ष डॉ. आर. के. सिंह, सचिव डॉ. रतन पाल सिंह, कोषाध्यक्ष डॉ. शिवम कमठान, इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, बरेली शाखा की अध्यक्ष डॉ. आशू हिरानी, डॉ. आर के भास्कर, डॉ. विनोद पगरानी, डॉ. डी.पी. गंगवार, डॉ. ज्ञानेंद्र लाल गुप्ता, डॉ. सचिन अग्रवाल, डॉ. मोहमद खालिक अंसारी आदि रहे।