शहाबगंज थाना क्षेत्र के रसिया गांव निवासी अवध नारायण यादव पिछले 40 वर्ष से वन विभाग में संविदा पर काम कर रहे हैं। जिनकी ड्यूटी लंबे समय से गांधीनगर गांव के समीप स्थित राजपथ रेंज के पौधशाला में लगी थी। मंगलवार शाम के वक्त घर से खाना खाने के बाद वह रात्रि में ड्यूटी पर आए हुए थे। रात्रि के दौरान पौधशाला में बने कमरे में सो रहे थे इसी वक्त उनकी मौत हो गई।
सुबह जब वह घर पहुंचे तब घर वालों ने उनके मोबाइल फोन पर कॉल किया। फोन रिसीव न होने पर पुत्र सोनू मौके पर पहुंचा और बंद दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया लेकिन दरवाजा नहीं खुला। तब वह अन्य लोगों के सहयोग से दरवाजा तोड़ दिया और अंदर पिता को सोते हुए देखा लेकिन मौत हो चुकी थी ।
सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया और रोते बिलखते लोग घटनास्थल पर पहुंच गए। पत्नी इंद्रावती देवी तथा पुत्री परमशीला का रो-रोकर जहां बुरा हाल हो गया है। मृत और नारायण को तीन पुत्र सोनू, मोनू, शमशेर तथा तीन पुत्रियां सीमा, रीमा, परमशीला हैं।
घटना के बाद ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई। वहीं मौके पर कोतवाली पुलिस पहुंच गयी। इसी बीच प्रभागीय वनाधिकारी दिनेश सिंह मौके पर पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया तथा अंतिम संस्कार हेतु अपने पास से दस हजार नगद देने के साथ ही एक पुत्र को पिता के स्थान पर दैनिक वेतन भोगी नौकरी दिए जाने तथा स्वयं के पास से अन्य तरह की सहायता प्रदान करने का भी आश्वासन दिया। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी: चकिया कोतवाल मौके पर पहुंचे डीएफओ चंदौली दिनेश सिंह ने बताया कि मृतक उनके यहां नर्सरी में काम करता था अपने पास से और कर्मचारियों से चंदा लगाकर के परिवार की आर्थिक मदद की जाएगी। साथ ही मृतक के परिवार के एक व्यक्ति को उनकी जगह नौकरी दी जाएगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चल पाएगा कि मौत कैसे हुई है। विभाग और शासन को भी पत्र लिखा जाएगा ताकि जो संभवत की मदद की जा सके।