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उमरिया

अश्वगंधा, तुलसी, शतावर का उत्पादन करेंगे किसान, बड़ी कंपनियां आएंगी खरीदने

कृषकों की कार्यशाला आयोजित

उमरियाFeb 04, 2024 / 04:11 pm

ayazuddin siddiqui

Farmers will produce Ashwagandha, Tulsi, Asparagus, big companies will come to buy

Farmers will produce Ashwagandha, Tulsi, Asparagus, big companies will come to buy

आयुर्वेद चिकित्सा हमारे देश की पुरातन विधा है। कोरोना काल में आयुर्वेद के काढ़े ने जीवन रक्षक काम किया था, आज आयुर्वेद की जड़ी बूटियां फिर से लोकप्रिय हो रही हैं। जिले में स्वसहायता समूह की बहनों ने इस दिशा में प्रयास किये हंै। उक्त आशय के विचार कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने कृषि विज्ञान केंद्र में जिला आयुष विभाग द्वारा अश्वगंधा, तुलसी, शतावर के सम्बंध में आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इसे बढ़ावा दिया जा रहा है। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक तथा समन्वयक डा के पी तिवारी, डा विनीता सिंह तथा डा धनन्जय सिंह ने खेती के तरीके, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग आदि के संबंध में जानकारी दी।

 

सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी ने कहा कि जिले के किसान पारम्परिक तरीके से खेती करते हैं, कृषक सब्जी तथा आयुर्वेदिक औषधियों से अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं। जिले की जलवायु तथा परिस्थिकी इसके अनुकूल है, जिले में करौंदीटोला, डोडका तथा पठारी ग्रामों में स्वसहायता समूह की बहनों आयुर्वेद जड़ी बूटियों का उत्पादन शुरू किया है। पाली जनपद पंचायत में मुनगा की खेती बड़े पैमाने पर शुरू की गयी है, जब किसान जुड़ेगे तथा उत्पादन शुरू करेंगे तो बड़ी कंपनियां यहां खरीदने आयेंगी तथा किसानों को अच्छे दाम भी मिलने लगेगें। जिला आयुर्वेद अधिकारी डा आर के सिंह ने कहा कि देव अभयारण्य योजना के तहत औषधीय पौधों की खेती करने तथा उत्पादन बढ़ाने का कार्य जिला पंचायत के माध्यम से शुरू किया गया है।

 

मध्यप्रदेश औषधीय पादप बोर्ड द्वारा शतावर, तुलसी तथा अश्वगंधा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कार्यशाला का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र उमरिया में किया गया है, इसके साथ ही अन्य औषधीय पादप का उत्पादन भी किसान कर सकते हैं, आयुष विभाग सहयोग के लिए तत्पर रहेगा। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा के पी तिवारी ने उत्पादन के मूल्य संवर्धन की जानकारी देते हुए कहा कि उत्पादन मापदण्डों में खरा उतरना चाहिए। उत्पादन अधिक होना चाहिए तभी बड़ी कंपनियां खरीदने के लिए आती हैं। खेती के लिए अच्छे बीज तथा वैज्ञानिक तकनीकों को भी अपनाना होगा। कार्यक्रम का संचालन जिला आयुष विभाग के संदीप त्रिपाठी ने किया।

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