महाकाल मंदिर में मंदिर से जुड़े पुजारी-पुरोहित और कर्मचारियों के अलावा अब बाहरी लोगों पर भी नजर रखी जा रही है, साथ ही सुरक्षा गार्डों की लापरवाही पर उन्हें भी सबक सिखाया जा रहा है। महाकाल मंदिर में 20 सितंबर को सुबह 8 बजे पुनीत जोशी जो बाहरी व्यक्ति है, उसके द्वारा पालकी स्थल स्थित आपातकालीन द्वार के समीप से बैरिकेड्स हटाकर 5 से 7 व्यक्तियों को अनाधिकृत रूप से नियम विरुद्ध प्रवेश कराया गया था।
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पुनीत जोशी मंदिर प्रबंध समिति से संबंधित नहीं है। उनके द्वारा किए गए इस कृत्य से श्रद्धालुओं में असंतोष फैला व मंदिर की प्रतिष्ठा का अल्पिकरण होकर छवि धूमिल हुई है। प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ द्वारा यह पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी के माध्यम से देखा गया तथा प्रथम दृष्टया पुनीत जोशी को दोषी पाए जाने पर उन्हें दंड स्वरूप मंदिर में प्रवेश के लिए सात दिन तक रोक लगा दी है।
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पुनीत का मंदिर में सात दिवस के लिए प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा, लेकिन वे अन्य श्रद्धालुओं की भांति सामान्य लाइन में लगकर दर्शन कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त विभिन्न मार्ग जिनसे पुजारी-पुरोहित पूजन हेतु प्रवेश करते हैं, वह उनके लिए पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
सुरक्षा गार्ड को दी समझाइश
प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने मंदिर परिसर में अव्यवस्था होते हुए देखी, तो उन्होंने तुरंत 4-5 निजी सुरक्षा एजेंसी के गा्डों को बुलाकर समझाइश दी और उनकी एजेंसी के प्रमुख को उनके विषय में शिकायतभी की है, ताकि वे अगली बार किसी प्रकार की लापरवाही न करें।