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उज्जैन

उज्जैन में क्षिप्रा नदी का रौद्र रूप, महादेव का जलाभिषेक करने मंदिर पहुंची जलधारा

इस शिवलिंग के प्राचीन पाषाण स्वरूप के दर्शन दुर्लभ हैं।
भारी बारिश के कारण उज्जैन में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

उज्जैनAug 10, 2019 / 10:52 am

Pawan Tiwari

angareshwar mahadev temple

उज्जैन में क्षिप्रा नदी का रौद्र रूप, महादेव का जलाभिषेक करने मंदिर पहुंची जलधारा, अद्भुत है इस शिवलिंग की महिला

उज्जैन. मध्यप्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है। बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं, बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में क्षिप्रा नदी के रौद्र रूप के कारण रामघाट में कई मंदिर डूब गए हैं। क्षिप्रा नदी ने भगवान अंगारेश्वर महादेव ( angareshwar mahadev temple ) का जलाभिषेक किया।
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4 साल बाद अभिषेक करने पहुंचीं क्षिप्रा
4 साल बाद क्षिप्रा नदी भी बाढ़ आई है। बाढ़ के कारण अंगारेश्वर महादेव का मंदिर भी डूब गया है। अंगारेश्वर मंदिर का शिवलिंग पानी में डूब गया है और मंदिर जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। शुक्रवार सुबह से ही नदी में उफान शुरू हो गया और शाम को अंगारेश्वर महादेव का जलाभिषेक करने क्षिप्रा नदी मंदिर तक पहुंच गईं। पुजारियों ने इसे इंद्र देव की मेहरबानी बताते हुए कहा कि मां क्षिप्रा 4 साल बाद अंगारेश्वर महादेव का जलाभिषेक करने पहुंचीं हैं।
24 घंटे में भारी बारिश
शहर के पिठले 24 घंटों में भारी बारिश के कारण क्षिप्रा नदी उफान पर हैं। भारी बारिश और क्षिप्रा में बाढ़ के कारण रामघाट में कई मंदिर जलमग्न हो गए हैं। 24 घंटे के अंदर उज्जैन शहर में 5.5 इंच बारिश दर्ज की गई है।

अंगारेश्वर महादेव का महत्व
पुराणों के अनुसार, मंगल ग्रह का जन्म स्थान मध्यप्रदेश के उज्जैन में माना गया है। इसलिए मंगल ग्रह की शांति के लिए अंगारेश्वर महादेव में विशेष पूजा फलदायी मानी गई है। ऐसी मान्यता है कि इस पूजा से मंगल ग्रह दोष की शांति होती है और विवाह योग्य युवक-युवतियों के विवाह में मांगलिक दोषों के कारण आ रही समस्याएं हल हो जाती है। जनमान्यताओं के अनुसार मंगल की जन्म स्थली पर भात पूजा कराने से मंगलजन्य कष्ट से व्यक्ति को शांति मिलती है।
प्रशाशन अलर्ट
क्षिप्रा नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर है। इस वजह से शहर के कई हिस्सों में लोगों के घरों में पानी घुस गया है। साथ ही कई मंदिर भी डूब गए हैं। ऐसे में प्रशासन ने भी लोगों को अलर्ट रहने को कहा है। क्योंकि अगर बारिश इसी तरह से जारी रही तो पानी और बढ़ सकता है।

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