जानकारी के अनुसार, इंदौर में आने वाले 3 सालों में बहुत से विकास कार्यों के प्रस्तावों को सिंहस्थ में शामिल किया जाएगा। इसमें सबसे पहला प्रस्ताव, सिंहस्थ से पहले इंदौर-उज्जैन के बीच 4 लेन रोड सड़क बनाना और शिप्रा की नदी शुद्ध करने के लिए नमामि शिप्रा योजना की शुरुआत करना है। इसके आलावा इंदौर की प्रमुख नदियों कान्ह और सरस्वती से शिप्रा नदी में मिलने वाले सभी नालों का साल 2027 तक ट्रीटमेंट होना है। इन तैयारियों को लेकर इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा है कि सिंहस्थ 2028 को लेकर इंदौर जिले से विकास की विभिन्न योजनाओं के प्रोजेक्ट की पहचान कर के प्रदेश सरकार को भेजे गए हैं। उन्होंने आगे बताया कि सिंहस्थ के लिए इंदौर से संबंधित तमाम कार्यों की निगरानी और तैयारी उज्जैन से होगी।
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27 मार्च 2028 से शुरू होगा सिंहस्थ
आपको बता दें कि, सिंहस्थ 2028 के तारीखों की घोषणा इसी साल मार्च में हो गई थी। इसके तहत आगामी सिंहस्थ 27 मार्च – 27 मई 2028 तक चलेगा। इसकी कार्ययोजना में 18 हजार 840 करोड़ की लागत से 523 कार्य प्रस्तावित किए जा चुके हैं। प्रशासन इस बार सिंहस्थ 2028 में 14 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का आकलन कर रहा है। यह आंकड़ा सिंहस्थ-16 से लगभग दो गुना है। सिंहस्थ 2028 की तारीखों पर मार्च माह हुई बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा था कि इस बार सिंहस्थ के लिए मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर , खंडवा स्थित दादा धूनी वाले, भादवामाता, नलखेड़ा, ओंकारेश्वर आदि तक सुगम आवागमन और उनके अधोसंरचना सुधार को सम्मिलित करते हुए उज्जैन-इंदौर संभाग को समग्र धार्मिक-आध्यात्मिक सर्किट के रूप में विकसित किया जाए।