मुख्य द्वार पर दी जाएगी सलामी
इस दौरान मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी अवंतिकानाथ को सलामी देगी। इसके बाद सवारी शिप्रा तट की ओर रवाना हो जाएगी। अवंतिकानाथ तीर्थ पूजन के बाद शिप्रा के राणौजी की छत्री घाट से होते हुए गणगौर दरवाजा से नगर में प्रवेश करेंगे। इन मार्गों से गुजरेगी महाकाल की सवारी
उज्जैन महाकाल की सवारी मंदिर परिसर से निकलकर कोटमोहल्ला, गुदरीचौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए शाम 5 बजे मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी।
शिप्रा जल से किया जाएगा अभिषेक
यहीं पर पुजारी भगवान महाकाल का शिप्रा जल से अभिषेक और पूजा-अर्चना करेंगे। पूजन के बाद सवारी रामघाट से शिप्रा के राणौजी की छत्री घाट, रविदास घाट होते हुए शिप्रा नदी पर बने छोटे पुल के रास्ते गणगौर दरवाजा से नगर प्रवेश करेगी।
इसके बाद मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज का जगदीश मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए शाम को 7.00 बजे पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।
14 नवंबर को हरि मिलन की सवारी
आगामी सवारियां क्रमशः तृतीय सवारी 18 नवंबर तथा 25 नवंबर को निकाली जाएंगी। हरिहर मिलन की सवारी 14 नवंबर को रात 11 बजे मंदिर से चलकर श्री द्वारकाधीश (गोपाल मंदिर) तक जाएगी।