आशीष एस. सक्सेना@उज्जैन. कुछ महीनों में स्मार्ट सिटी में स्मार्ट फोन का एक एप आपको कई सुविधा देने वाला होगा। मोबाइल एप से शहरवासी जान सकेंगे कि उनके घर आने वाला कचरा वाहन अभी घर से कितनी दूर है। यही नहीं नजदीकी स्टॉपेज पर सिटी बस कब पहुंचने वाली है, अग्रिकांड की शिकायत के बाद फायर फाइटर कहां तक पहुंचा, सफाई वाहन कब तक आएगा जैसी जानकारियां भी मोबाइल पर एक क्लिक से पता चल सकेगी। सेवा से संतुष्ट नहीं हुए तो घर बैठे ही जिम्मेदारों तक अपनी शिकायत भी पहुंचा सकेंगे।
विभागों की सेवाएं शामिल होंगी
एक शहर एक मोबाइल एप, स्मार्ट सिटी कंपनी इस तर्ज पर ऐसा समग्र मोबाइल एप बनाने की तैयारी हो रही है। इसमें शहर की सभी आवश्यक जनसुविधाएं और विभिन्न विभागों की सेवाएं शामिल होंगी। इसके पहले चरण में नगर निगम की पब्लिक मोबलिटी सर्विस और ई-रिक्शा सेवा को लिया जा रहा है। मसलन जन सुविधा के लिए सड़क पर चलने वाले निगम के सभी वाहन इस मोबाइल एप से जीपीएस के जरिए जुड़े होंगे। इस सुविधा का उपयोग निगम प्रशासन मॉनीटरिंग के लिए कर सकेगा।
स्मार्ट सिटी कंपनी के माध्यम से मोबाइल एप
स्मार्ट सिटी कंपनी के माध्यम से मोबाइल एप बनाने के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं। करीब आधा दर्जन कंपनियों ने इस कार्य में रुचि दिखाई है। वहीं प्राप्त टेंडर की तकनीक परीक्षण किया जा रहा है। यदि सक्षम स्वीकृति मिलती है तो एक सप्ताह में एजेंसी नियुक्त हो सकती है। संभावना है कि 6 महीने में शहरवासियों को इस पब्लिक मोबेलिटी सर्विस एप की सुविधा मिलने लगे।
एप के लिए बनेगा कंट्रोल रूम
मोबाइल एप के संचालन और वाहनों की मॉनीटरिंग के लिए मक्सी रोड स्थित नगर निगम के डिपो में कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। यहीं से निगम के जीपीएस लगे वाहनों की ट्रैकिंग की जा सकेगी। जेएनएनयूआरएम अंतर्गत सिटी बस के लिए भी पूर्व में यहां जीपीएस मॉनीटरिंग रूम बनाया गया था।
फोन लगाते ही आ जाएगा ई-रिक्शा
निगम वाहनों के साथ ही ई-रिक्शा को भी इस मोबाइल एप से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए स्मार्ट सिटी कंपनी सीईओ अवधेश शर्मा, ई-रिक्शा एसोसिएशन के पदाधिकारी व आरटीओ अधिकारियों की बैठक भी हो चुकी है। ई-रिक्शा संचालकों को जीपीएसयुक्त मोबाइल रखने को कहा गया है। उनके फोन को सॉफ्टवेयर से जोड़ा जाएगा। मोबाइल एप के जरिए जरूरतमंद यात्री अपने नजदीक ई-रिक्शा की लोकेशन ले सकेगा और फोन कर उन्हें बुला भी सकेगा। जरूरत पडऩे पर इस सेवा में और विस्तार किया जा सकता है।
निगम की यह सुविधा आ सकेंगी एप पर
फायर ब्रिगेड
जीपीएस के जरिए फायर ब्रिगेड के सभी फायर फाइटर्स को मोबाइल एप से जोड़ा जाएगा। इसका मुख्य लाभ निगम प्रशासन को मॉनीटरिंग में मिलेगा। पुलिस विभाग भी इसका उपयोग कर सकता है। साथ ही आग लगने की स्थिति में संबंधित व्यक्ति फायर फाइटर की लोकेशन देख सके, यह फीचर भी एप में जोड़ा जा सकता है।
कचरा वाहन
डोर टू डोर कचरा कलेक्शन वाहनों से लेकर ट्रेंचिंग ग्राउंड तक कचरा परिवहन करने वाले निगम के सभी वाहन इस एप में शामिल रहेंगे। इससे निगम प्रशासन को तो मॉनीटरिंग में मदद मिलेगी ही, आमजन भी एप से अपने घर आने वाले कचरा वाहन की लोकेशन देख सकेंगे और शिकायत दर्ज करा सकेगे। भविष्य में यह सुविधा में शामिल की जा सकती है।
सिटी बस
निगम की ओर से संचालित सिटी बस की जानकारी भी जीपीएस के जरिए मोबाइल एप मिल सकेगी। इसमें नजदीक के बस स्टॉपेज, वहां किस रूट की बस कितने समय में पहुंचने वाली है आदि जानकारी मिल सकेगी। इस सुविधा में किराया, दूरी जैसे फीचर्स भी शामिल किए जा सकते हैं।
कई विभागों के अलग-अलग हैं मोबाइल एप
वर्तमान में नगर निगम, स्मार्ट सिटी सहित कुछ विभाग व सरकारी-निजी सेवाओं के अलग-अलग मोबाइल एप हैं। ऐसे में यूजर्स को अलग-अलग सेवाओं के लिए अलग-अलग मोबाइल एप डाउनलोड करना पड़ते हैं। स्मार्ट सिटी कंपनी एक ऐसा एप तैयार करने जा रही है जो कॉमन होगा। हालांकि इस एप में दूसरे चरण में कई सुविधाएं जुड़ेंगी। पहले चरण में फिलहाल निगम की मोबिलिटी सर्विस को इसमें शामिल किया जा रहा है।
कॉमन मोबाइल एप किया जाएगा तैयार
” स्मार्ट सिटी में ऐसा कॉमन मोबाइल एप तैयार किया जाएगा, जिसमें विभिन्न विभागों की सेवाएं शामिल रहेंगी। पहले चरण में निगम की चलित सेवाओं को शामिल किया जा रहा है। जल्द एजेंसी नियुक्त की जाएगी।”
– अवधेश शर्मा, सीईओ स्मार्ट सिटी कंपनी
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