शिप्रा शुद्धिकरण को लेकर विशेषज्ञों ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। जानकारों के अनुसार यदि इन पर अमल होता है तो शिप्रा को शुद्ध करने के साथ ही फिर से प्रवाहमान बनाया जा सकता है। इसमें प्रमुख सुझाव नदी के उद्गम व कैचमेंट एरिया में बड़े स्तर पर पौधरोपण और खान नदी को शुद्ध करने से संबंधित है। इसके अलावा भू-जल स्तर बढ़ाने को लेकर भी सुझाव है, जिसका असर परोक्ष रूप से नदी पर पड़ेगा। कुछ दिन पूर्व हुई शिप्रा शुद्धिकरण न्यास की बैठक में दो दर्जन से अधिक सुझाव रखे गए थे। इनके आधार पर वरिष्ठ अधिकारियों ने भी माना है कि थिसिस वर्क काफी हो चुका है और अब इन पर अमल की जरूरत है। न्यास ने शिप्रा शुद्धिकरण के लिए विभिन्न विभागों को डीपीआर तैयार करने का अनुमोदन किया है। दावा किया जा रहा है कि डीपीआर तैयार करने में उक्त सुझावों को आधार बनाया जाएगा।
इन तरकीबों से शुद्ध व प्रवाहमान होगी शिप्रा