प्राचार्य गर्ग का कहना है सागर के माता-पिता का देहांत हो जाने के बाद स्कूल प्रबंधन ने दोनों बच्चों की पढ़ाई और अन्य खर्चों में हरसंभव मदद की है। यहां तक कि दोनों की फीस माफ कर दी और उन्हें किसी तरह की कमी महसूस नहीं होने दी।
मां पिता की मौत हो गई। उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि स्कूल की फीस भर सकें। ऐसे हालातों के बाद भी सागर जटिया ने हिम्मत नहीं हारी और लगन के साथ मेहनत करते रहे। 10वीं में उन्होंने अच्छी पोजीशन बनाकर अपने माता पिता, टीचर्स और स्कूल का नाम भी रोशन कर दिया
उज्जैन•May 13, 2023 / 01:42 pm•
deepak deewan
सागर जटिया
Hindi News / Ujjain / मां- पिता की मौत, फीस भरने के भी पैसे नहीं पर बेटे ने अव्वल आकर ऊंचा कर दिया सिर