महाकाल की नगरी उज्जैन में 2028 में होनेवाले महाकुंभ के लिए तैयारियां शुरु हो चुकी हैं। इसके लिए जहां उज्जैन में 5 हजार करोड़ के काम किए जा रहे हैं वहीं इसके आसपास के जिलों को भी संवारा जा रहा है। राज्य सरकार ने सिंहस्थ 2028 के लिए उज्जैन सहित 8 जिलों की कायापलट करने की योजना पर काम शुरु कर दिया है।
प्रदेश में महाकुंभ के लिए जिन जिलों में काम किए जा रहे हैं उनमें प्रमुख रूप से उज्जैन और इंदौर हैं। इन दोनों जिलों के साथ ही सरकार ने कुंभ के लिए शाजापुर, खंडवा, खरगोन, देवास, आगर-मालवा और रतलाम जिलों में भी सुविधाएं बढ़ाने का काम शुरु कर दिया है।
सिंहस्थ 2028 के लिए 8 जिलों को संवारने की योजना बनाने के साथ ही ओंकारेश्वर, महेश्वर और नलखेड़ा जैसे धार्मिक स्थानों का भी खासतौर पर विकास किया जा रहा है। सभी जिलों और धार्मिक स्थानों पर स्थित मंदिरों तथा प्राचीन स्मारकों को डेवलप करने पर फोकस किया गया है।
उज्जैन में जहां कुंभ मेला क्षेत्र विकास और शिप्रा शुद्धिकरण पर जोर दिया जा रहा है वहीं कई नई सड़कें और पुल-पुलिया भी बनाई जा रहीं हैं। इंदौर, देवास, खरगोन सहित अन्य सभी जिलों में विकास कार्य कराए जा रहे हैं। उज्जैन से सटे इन सभी जिलों में मुख्य सड़कें चौड़ी की जा रहीं हैं, नदियों-तालाबों को गहरा करने या शुद्धिकरण की योजना का काम किया जा रहा है। पेयजल और स्वच्छता संबंधी कार्य की भी तैयारी है। यहां के बसस्टेंड और रेलवे स्टेशनों को भी संवारा जा रहा है।
सिंहस्थ संबंधी ज्यादा काम शुरू किए जा चुके हैं। सिंहस्थ 2028 की दृष्टि से सभी विकास कार्यों को हर हाल में 3 साल की समय सीमा में पूरा करने के सख्त निर्देश हैं। महाकुंभ के लिए उज्जैन के बाद सबसे ज्यादा इंदौर पर फोकस किया जा रहा है। यहां प्रमुख रूप से रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट का विकास, कान्ह शिप्रा शुद्धिकरण, सड़कों को चौड़ी करने के काम किए जाने हैं। सिंहस्थ 2028 के लिए इंदौर के सौंदर्यीकरण पर भी खासा जोर दिया जा रहा है।
इंदौर मेट्रो को उज्जैन तक बढ़ाने की घोषणा की जा चुकी है। ऐसे में दोनों जिलों में मेट्रो प्रोजेक्ट को तय समय में पूरा करने के लिए हर कवायद की जा रही है।
इंदौर जिले में ये काम प्रमुख
- कान्ह शिप्रा नदी शुद्धिकरण
- इंदौर-उज्जैन सिक्स लेन सड़क प्रोजेक्ट
- इंदौर ओंकारेश्वर रोड
- एयरपोर्ट का विस्तार और विकास
- इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट