एमपी में ये है सिस्टम
शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने कहा कि प्रदेशभर के प्रत्येक प्राचार्य के लॉगइन आइडी पर यह खुलता है। पेपर को विमर्श पोर्टल पर उनकी आईडी पर भेजा जाता है, फिर उसकी प्रिंट लेकर प्राचार्य फोटोकॉपी के लिए देते हैं। संभावित है, जिस दुकान पर फोटोकॉपी के लिए पेपर जाएगा, वहां से लीक हो सकता है। हालांकि एक बात यह भी है कि प्री-बोर्ड में पेपर लीक हो या न हो, कोई फर्क नहीं पड़ता। प्री-बोर्ड का अर्थ ही प्रैक्टिस कराना है।ये है मामला…
- कक्षा 10वीं और 12वीं प्री-बोर्ड के सभी पेपर सोशल मीडिया पर लीक हो गए।
- कुछ पेपर दो दिन पहले तो कुछ एक दिन पहले ही पहुंच गए।
- सभी पेपर सोशल मीडिया इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और यूट्यूब पर वायरल हुए हैं।
- परीक्षा देकर बाहर निकले छात्र ने कहा – टेलीग्राम-इंस्टाग्राम पर पहले ही आ चुका था यह पेपर।
- सोमवार को अंग्रेजी का पेपर 11 बजे शुरू हुआ, लेकिन परीक्षा से 6 घंटे पहले ही पूरा पेपर सोशल मीडिया पर पहुंच गया।
- मंगलवार को होने वाले गणित का पेपर भी 21 घंटे पहले ही मिल गया था।
परीक्षा से 2 घंटे पहले बायोलॉजी तो 21 घंटे पहले लीक हुआ गणित का पर्चा
–21 जनवरी को 12वीं का बायोलॉजी का पेपर था। लेकिन वो दो घंटे पहले ही सोशल मीडिया पर आ गया था। ये वही पेपर था जो टेलीग्राम पर लीक हुआ।इन ऑफिशियल नाम पर हैं सोशल मीडिया अकाउंट
पेपर लीक मामले में जब खोजबीन की गई तो बता चला कि ये पेपर Munna bhai yt, Mp bord official,Sdlclasses, Mp bord secondryhighereducation समेत कई अन्य सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किए गए थे। कुछ साइट पर पेपर के साथ-साथ सॉल्व्ड पेपर भी उपलब्ध थे।ये भी पढ़ें: एमपी पुलिस में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी, 38 DSP को मिली नई जिम्मेदारी, यहां देखें ट्रांसफर लिस्ट