ऐसा लगता है मानो नभ में बसी ईश्वर की कोई कुंदन नगरी पौराणिक रुद्र सागर के जल से निकलती हुई उज्जैन की धरा पर आकार ले रही हो। दूसरे चरण में रुद्रसागर की बाउंड्रीवॉल इस तरह बनाने की योजना है जिससे त्रिवेणी संग्रहलालय से चारधाम मंदिर मार्ग पर आने-जाने वालों को यह खूबसूरत दृश्य आसानी से नजर आ सके।
यह भी पढ़ेंः 11 अक्टूबर को भी सरकारी अवकाश घोषित, इस दिन पीएम मोदी का होगा लाइव कार्यक्रम
world tourism day 2022: महाकाल कॉरिडोर की नींव पर बन सकता है ‘पर्यटन कैपिटल’
900 मीटर लंबा महाकाल कॉरिडोर तैयार, बुजुर्गों के लिए चलेगी इ-कार्ट
पीएम मोदी की पत्नी ने किए महाकाल दर्शन, जून में मोदी भी करेंगे दर्शन
पांच म्यूरल पर अलग-अलग लाइट लगाई, फिर एक को चुना
दोपहर में कला तो रात में महाकाल लोक कुंदन घड़ित शिव पथ के रूप में नजर आ रहा है। यह खूबसूरती लंबे मंथन, प्रयोग और कई बदलाव के बाद निखरकर शहर के सामने आई हैं। महाकाल लोक किस आभा में जगमगाएगा, इसका निर्णय पांच म्यूरल पर पांच अलग-अलग कंपनियों की लाइट लगाने और विशेषज्ञों की रायशुमारी से एक को चुनकर लिया गया है। महाकाल लोक में उपयोग की गई मोनोक्रोम (सूर्य की किरणों सी रोशनी) लाइट से पूरा स्थल स्वर्ण के समान नजर आता है।
यह भी पढ़ेंः
mahakal corridor updates: 15 अगस्त तक पूरा हो जाएगा महाकाल कॉरिडोर का काम, यह है अपडेट
रंग बिरंगी रोशनी जैसे स्वर्ण आभूषण में सजे रत्न