Mahakal Royal Ride Mahakal Shahi Sawari Live Mahakal Sawari Live
उज्जैन. सोमवार यानि 6 सितंबर को महाकाल की अंतिम शाही सवारी निकाली जाएगी। भादो की इस आखिरी सवारी का भव्य स्वागत करने की तैयारी चल रही है. इस दिन भगवान महाकाल कई स्वरूपों में सजेंगे. उनका विशेष श्रंगार भी किया जाएगा। विशेष पूजा—अर्चना के बाद मंदिर से महाकाल निकलेंगे और नगर भ्रमण के बाद क्षिप्रा तट पहुंचेंगे. विधिवत पूजन के बाद यहां से दोबारा मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे.
सावन और भादों के माह में महाकाल की सवारी निकाली जाती है. उसमें भी साल में केवल एक ही दिन यानि भादों की अंतिम सवारी में सोमवार को शाही सवारी निकालने की परंपरा है। यानि 6 सितंबर के बाद अब अगले साल सावन के पहले सोमवार को ही महाकाल की सवारी निकाली जाएगी. सवारी के दौरान बाबा मंदिर से क्षिप्रा तट पर जाते हैं।
महाकाल मंदिर प्रशासन व पुजारियों के अनुसार अंतिम सवारी पर भगवान महाकाल चंद्रमौलिश्वर और मनमहेश के परंपरागत स्वरूप में निकलेंगे. इसके साथ ही महाकाल तांडव स्वरूप, उमा महेश और होलकर कालीन मुखौटे के साथ रथ में सवार होकर भ्र्मण करेंगे। इस प्रकार महाकाल पांच स्वरूप में नगर भ्रमण करेंगे. पांच स्वरूपों में नगर भ्रमण केवल शाही सवारी के दिन ही किया जाता है।
इस सवारी में भगवान महाकाल को नई पगड़ी धारण कराई जाएगी। उनके सभी पांच स्वरूपों को नई पोशाक पहनाई जाएगी। सवारी मार्ग पर इस बार रेड कारपेट बिछाया जाएगा। महाकाल पर पुष्पवर्षा की जाएगी। कई जगहों पर आतिशबाजी कर उनका स्वागत किया जाएगा। शाही सवारी के स्वागत के लिए जगह-जगह तोरण द्वार भी लगाए जा रहे हैं।
अन्य सभी सवारी के दिन चंद्रमौलिश्वर और मनमहेश नगर भ्रमण पर निकलते हैं. अंतिम शाही सवारी में चंद्रमौलिश्वर पालकी में और मनमहेश हाथी पर सवार होंगे. उनके पांचों स्वरूप एक ही रथ में सवार होंगे। हर साल पांचों स्वरूपों को अलग-अलग रथ में विराजित किया जाता है पर इस बार कोविड गाइडलाइन की वजह से सभी स्वरूपों को एक ही रथ में बैठाया जा रहा है।
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