हाल ही में एफएसएसआई ने महाकाल प्रसादी को फाइव स्टार रेटिंग दी है. यह रेटिंग भोजन या खाद्य पदार्थों की उच्च गुणवत्ता के लिए दी जाती है. महाकाल प्रसादी के लिए क्वालिटी से जरा भी समझौता नहीं किया जाता. यही कारण है कि महाकाल मंदिर से प्रसादी के रूप में करीब 40 क्विंटल लड्डू बिक्री होती है। महाकाल मंदिर समिति के सहायक प्रशासक और लड्डू यूनिट प्रभारी आरपी गेहलोत बताते हैं कि लड्डू व भोजन प्रसादी यूनिट में क्वालिटी पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है.
इसके लिए पहले फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाता है और फिर जरुरी होने पर खाद्य या पेय पदार्थों का लैब टेस्ट भी कराया जाता है। जरा भी अमानक होने पर व्यापारी पर पैनाल्टी लगा देते हैं। गुणवत्ता पूर्ण खाद्य पदार्थ नहीं होने पर उसे लौटा दिया जाता है और दूसरा लाट मंगाया जाता है। समिति के पास करीब 15 दिन का स्टॉक रहता है, इससे पहले ही सभी प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है।
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मंदिर प्रशासन ने लड्डू प्रसादी के लिए आई डेढ़ क्विंटल किशमिश और आधा क्विंटल काजू लौटा दी. बताया जा रहा है कि ये चीजें टेंडर में जारी शर्तों के अनुरूप नहीं थीं. अब दोबारा निर्धारित क्वालिटी के काजू—किशमिश बुलाए गए हैं. लड्डू के लिए आए ये ड्रायफ्रूट अमानक होने की वजह से लौटाए गए हैं। उज्जैन की फर्म मगनीराम मुरलीधर से किशमिश और इंदौर के सिंघल ट्रेडर्स से काजू आए थे।
मंदिर के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों, प्रसाद बनानेवाले हलवाइयों और प्रसाद यूनिट से जुड़े अफसरों व कर्मचारियों ने काजू—किशमिश का फिजिकल वेरिफिकेशन किया तो दोनों की साइज व स्वाद में कुछ अंतर लगा। दरअसल टेंडर प्रक्रिया के दौरान जो सैंपल लिए गए थे उसी सैंपल से मिलान में ये अंतर पाया गया। ऐसे में ये सामग्री लौटाकर दूसरा लॉट मंगाया गया है।