आपको बता दें कि, बीते साल अक्टूबर माह में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों प्रदेश सरकार ने महाकाल लोक का शुभारंभ कराया था। एक साल के भीतर ही इसके निर्माण की पोल खुलना शुरु हो गई है। रविवार को आए तेज आंधी-तूफान में महाकाल लोक में स्थापित बड़ी-बड़ी मूर्तियां टूटकर गिर गईं। इस मामले ने अब राजनीतिक तूल पकड़ना शुरु कर दिया है।
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कमलनाथ की मांग
मामले को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था, तब इस बात की कल्पना नहीं की थी कि, बाद की सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी।’
कमलनाथ ने आगे लिखा कि, ‘आज जिस तरह से महाकाल लोक परिसर में आंधी चलने से देव प्रतिमाएं जमीन पर गिर गईं, वह दृश्य किसी भी धार्मिक व्यक्ति के लिए अत्यंत करुण दृश्य है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि महाकाल लोक में जो प्रतिमाएं गिरी हैं, वहां नई प्रतिमाएं तुरंत स्थापित की जाएं और घटिया निर्माण करने वालों को जांच कर दंडित किया जाए।’
एमपी कांग्रेस का तंज
वहीं, इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस की ओर से किए गए ट्वीट में मध्य प्रदेश सरकार पर तंज कसते लिखा कि, ‘शिवराज ने भगवान महाकाल को भी ठगा : उज्जैन में हवा और बारिश के चलते महाकाल लोक में किए गए गुणवत्ताहीन कार्यों की पोल खुली, महाकाल लोक में लगी मूर्तियां उड़ीं और बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त हुईं। शिवराज जी, शर्म करो आपने भगवान को भी नहीं छोड़ा।’
के.के मिश्रा का हमला
वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के मिश्रा ने ट्वीट करते हुए सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने लिखा कि, ‘”भ्रष्टाचार लोक” के कारण उज्जैन स्थित “महाकाल महालोक” में स्थापित सप्त ऋषियों की मूर्तियां गिरी,खंडित हुई! भ्रष्टाचार की आंधी ने मचाया तांडव! अब महाकाल के राजदंड (सिंगोल) से कोई भी नहीं बचेगा, संदेश स्पष्ट। भक्तों की संसद है सबसे बड़ी… कहां है ‘जीरो टोलरेंस’ ?
तेज आंधी-तूफान में गिरकर टूटीं प्रतिमाएं
आपको बता दें कि, रविवार की दोपहर अचानक जिले में शुरु हुए तेज आंधी-तूफान के साथ बारिश हुई है। महाकाल लोक के अंदर कई देवी-देवताओं की बड़ी-बड़ी मूर्तियां स्थापित हैं, जो आंधी-तूफान के कारण गिरकर टूट गई हैं। साथ ही, कई मूर्तियां कई क्षतिग्रस्त भी हुई हैं। फिलहाल, महाकाल प्रबंधन मूर्तियों को व्यवस्थित करने में जुट गया है। गनीमत ये रही कि, घटनाक्रम के दौरान महाकाल लोक में लोग नहीं थे। वरना जनहानि भी हो सकती थी।
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प्रधानमंत्री ने किया था उद्घाटन
दरअसल, पिछले बीते 11 अक्टूबर को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महाकाल लोक का लोकार्पण किया गया था। लगभग 850 करोड़ की लागत से निर्माण किए गए महाकाल लोक के गुणवत्ताहीन कार्यों की पोल खुलना शुरु हो गई है। आंधी में महाकाल लोक में लगी मूर्तियां उड़ गई और बुरी तरीके से कई मूर्तियां क्षतिग्रस्त भी हुई हैं। ये भी जान लें कि, पहले भी महाकाल लोक के घटिया निर्माणकार्य को लेकर सवाल उठ चुके हैं। इसे लेकर लोकायुक्त में जांच भी चल रही है। वहीं, मूर्तियां टूटने के बाद उन आरोपों को बल मिला है। अब देखने वाली बात ये है कि, मामले में शासन के स्तर पर क्या कार्रवाई की जाती है ?