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उज्जैन

जानिए महाकाल के भक्तों को मंदिर से कैसे दिखने लगेगा शक्तिपीठ का यह अद्भूत दृश्य

रूद्र सागर के जल में नजर आएगा मां हरसिद्धी मंदिर की प्रज्वलित दीपशिखा का अक्स, मृदा प्रोजेक्ट में मंदिर परिसर का भाग बनेगी बड़ा गणेश मंदिर की रोड

उज्जैनDec 03, 2021 / 03:26 pm

sachin trivedi

Know how the devotees of Mahakal will be able to see this amazing view

रूद्र सागर के जल में नजर आएगा मां हरसिद्धी मंदिर की प्रज्वलित दीपशिखा का अक्स, मृदा प्रोजेक्ट में मंदिर परिसर का भाग बनेगी बड़ा गणेश मंदिर की रोड

उज्जैन. कहा जाता है कि पूर्व में जब मां हरसिद्धी मंदिर की प्राचीन दीपशिखाओं पर दीपमालाएं प्रज्वलित होती थी तो वह महाकाल मंदिर से भी स्पष्ट नजर आ जाती थीं। दीपों की रोशनी का प्रतिबिंब यहां के जल कुंड-सरोवर में दिखता था। समय के साथ क्षेत्र का स्वरूप बदलता गया और यह खूबसूरत दृश्य भी छीप गया। अब मंदिर क्षेत्र के विकास और विस्तारीकण में एक बार फिर प्रज्वलित दीपशिखा की पवित्र रोशनी दूर-दूर तक नजर आने की उम्मीद है। संभावना यह भी है कि दीपों की रोशनी का अक्स रूद्र सागर के स्वच्छ जल में स्पष्ट नजर आए।
स्मार्ट सिटी के मृदा (महाकाल रूद्र सागर इंट्रीगे्रटेड डेवलपमेंट अप्रोच) प्रोजेक्ट अंतर्गत महाकाल क्षेत्र का विस्तारीकण हो रहा है। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद मंदिर परिसर वर्तमान की तुलना में करीब १० गुना बढ़ हो जाएगा। इसके लिए कुछ भवन भी हटाए जाएंगे जिसके बाद महाकाल से मां हरसिद्धी मंदिर तक का दृष्टि पथ साफ हो जाएगा। संभावना है कि इससे हरसिद्धी मंदिर दीपशिखाएं दूर से ही नजर आ सकेंगी। एेसा होत है तो यह प्राचीन समय की स्थिति का पुनार्गमन होगा क्योंकि जानकार बताते हैं कि पूर्व में हरसिद्दी मंदिर की दीपशिखा दूर-दूर तक नजर आती थी। महाकाल मंदिर स्थित मां अवंतिका देवी और हरसिद्धी मंदिर एक-दूसरी जगह से स्पष्ट दिखते थे। यही नहीं मंदिर दीपशिखा के दीप प्रज्वलित होने पर इनकी रोशनी का प्रतिबिंब रूद्र सागर व कोटी तीर्थ के जल में भी नजर आता है। संभावना जताई जा रही है कि विस्तारीकरण के बाद दीपशिखा का प्रतिबिंब रूद्र सागर के स्वच्छत जल में स्पष्ट नजर आ सकता है।
रूद्र सागर में रहेगा स्वच्छ जल
मृदा प्रोजेक्ट अंतर्गत बड़े व छोटे रूद्र सागर का भी उन्नयन किया जा रहा है। रूद्र सागर में वर्षभर स्वचछ जल जमा रखने की योजना है। इसमें मिलने वाले नालों को पूरी तरह रोका जाएगा। इसके बाद बारिश का साफ पानी इसमें रहेगा। यह पानी खत्म होता है तो पाइप लाइन के जरिए क्षिप्रा का पानी रूद्र सागर में जमा किया जाएगा। साफ पानी के कारण दीपशीखा का प्रतिबिंब इसमें नजर आ सकता है।
एेसे होगा क्षेत्र का विस्तारीकरण
– महाकाल मंदिर का परिसर बढ़कर महाराजवाड़ा स्कूल के साथ ही महाकाल पुलिस थाना और पुलिस क्वाटर तक फैलाया जाएगा।
– महाकाल थाने को ऊर्दु स्कूल परिसर में शिफ्ट करेंगे। पुलिस क्वाटर अन्यत्र बनाए जाएंगे।
– बड़ा गणेश मंदिर के सामने वाला मार्ग जो हरसिद्धी मंदिर की आेर जाता है, प्रोजेक्ट अंतर्गत यह भी महाकाल मंदिर परिसर के अंदर ही शामिल हो जाएगा।
– बड़ा गणेश मंदिर के सामने वाले मार्ग का वर्तमान में जो उपयोग होता है, वह महाकाल थाने के पीछे वाले मार्ग का होने लगेगा। इस तरह गणेश मंदिर के सामने वाला मार्ग, थाने के पीछे वाले मार्ग पर शिफ्ट हो जाएगा।
– गणेश मंदिर व महाराजवाड़ा के बीच से निकली सकरी गली को १५ मीटर चौड़ा किया जाएगा जो हरसिद्धी घाटी वाले मार्ग से मिलेगा।
– छोटे रूद्र सागर के नजदीक बनी यज्ञ शाला अन्यत्र शिफ्ट होगी। यहां की भोजनशाला त्रिवेणी संग्रहालय के सामने स्थानांतरित की जा रही है।
– यज्ञशाल व अन्न क्षेत्र का स्थान खाली कर लैंड स्केपिंग की जाएगी। इस तरह यह जगह खाली नजर आएगी और महाकाल मंदिर परिसर से हरसिद्धी मंदिर स्पष्ट नजर आ सकेगा।
इनका कहना
महाकाल मंदिर पसिर का विस्तार किया जा रहा है। इससे दर्शन व्यवस्था और सुलभ होगी। जनसुविधाएं भी बढ़ाई जा रही हैं। बड़ा गणेश मंदिर के सामने वाला मार्ग भी मंदिर परिसर का भाग बनेगा और परिसर विस्तारीकण से क्षेत्र खुला-खुला नजर आएगा।
– आशीषसिंह, कलेक्टर

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