शुक्रवार को बोर्ड बैठक थी
उज्जैन विकास प्राधिकरण की शुक्रवार को बोर्ड बैठक थी। इसमें हक्कानीपुरा योजना में जिन किसानों की जमीन ली जा रही है उनकी आपत्तियों की सुनवाई की जाना थी। शाम 4 बजे करीब योजना से जुड़े करीब 50 किसान बैठक में पहुंचे। पहले किसानों को संपदा शाखा में बैठाया बाद में उन्हें बैठक हाल में बुलाया। यहां पर कलेक्टर मनीषसिंह, यूडीए सीइओ अभिषेक दुवे व अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल ने किसानों से उनकी आपत्ति को लेकर चर्चा शुरू की। किसानों ने सीधे ही कहा कि वे योजना में अपनी जमीन नहीं देंगे। किसानों ने प्राधिकरण अधिकारियों पर आरोप लगाए कि उनकी जमीन योजना में शामिल कर ली पर उसकी जानकारी ही नहीं दी। जमीन किस आधार पर लेंगे, जिनके मकान, बाड़े योजना में आ रहे हैं उनका क्या करेंगे, इस बारे में किसानों का पक्ष ही नहीं जाना। वहीं किसानों को नोटिस भेजकर आपत्ति बुलवा ली। कलेक्टर व अध्यक्ष अग्रवाल के साथ किसानों की खासी बहस हुई। चर्चा के दौरान एक किसान ने तेज आवाज में बोलते हुए किसी भी हालत में जमीन नहीं देने की बात कही । इस पर नाराज कलेक्टर ने कहा कि बैठक हो रही इसमें ठीक से बोले, नहीं तो बाहर चले जाए। गुस्साया किसान बाहर चला गया। इसी बात पर अन्य किसान भी नाराज हो गए और योजना का विरोध करते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। किसानों के प्रदर्शन के चलते कार्यालय में हंगामा मच गय। बाद में किसानों ने बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकल आए।
कलेक्टर बोले- अधिकारियों ने योजना नहीं समझाइ
किसानों के हंगामे को लेकर पत्रिका से चर्चा करते हुए कलेक्टर मनीषसिंह ने भी माना कि प्राधिकरण अधिकारियों ने किसानों को योजना की ठीक से जानकारी नहीं दी। धारा 50 (2) के तहत जमीन ली जाना है। हम किसानों को लैंड पुलिंग योजना के तहत जमीन लेेंगे। इसमेंं किसानों को ही फायदा होगा। बैठक में तय हुआ कि अधिकारी संबंधित किसानों के पास जाएंगे और उन्हें योजना के बारे में समझाएंगे। इसके बाद दोबारा से किसानों को बुलाएंगे।
आपत्ति का जवाब दिए लौट, फिर से मिले मौका
बैठक में आए किसान आपत्तियों का जवाब दिए बगैर ही लौट गए। हालांकि कुछ किसानों ने लिखित में अपनी आपत्ति आवक शाखा में दी है। वहीं कुछ किसानों का कहना था कि उन्होंने तो जमीन देने से इनकार कर दिया है। यदि आपत्ति पर जवाब चाहिए तो दोबारा से मौका देना चाहिए। जमीन अधिग्रहण एक्ट में किसानों को दो से तीन दफे आपत्तियों के सुनवाई के मौके दिए जाने का प्रावधान है।
यह बोले-किसान
मेरी 40 बीघा जमीन योजना में आ रही है। प्राधिकरण ने योजना तो बना ली लेकिन हमें जानकारी ही नहीं है। नोटिस भेजकर आपत्ति मांग रहे है। हमने जमीन देने से इनकार कर दिया है। कानूनी लड़ाई लडेंंगे।
– बद्रीलाल, किसान, कानीपुरा
अधिकारियों का रवैया ठीक नहीं है। किसानों की समस्या सुने बगैर ही जमीन लेने की बात कह रहे हैं। मुआवजे का निर्धारण कैसे होगा, किस तरह जमीन लेंगे कोई जानकारी नहीं दी। हम जमीन नहीं देंगे।
– मोहनलाल, किसान कानीपुरा
प्राधिकरण तीन साल से योजना बना रहे हैं लेकिन किसानों को कुछ नहीं बताया। मेरी चार बीघा जमीन ले रहे हैं। अगर जमीन चली जाएगी तो हम लोग कहां जाएंगे। अधिकारियों को बता दिया है कि हम किसी भी हालत में जमीन नहीं देंगे।
– गणपतलाल, किसान, कानीपुरा
तीन साल से हमारी क्षेत्र की गाइड लाइन नहीं बढ़ाई है। क्षेत्र में मुख्य मार्ग पर 80 से 90 लाख रुपए बीघा का भाव चल रहा है। प्राधिकरण सस्तेे में जमीन लेे रहा है। हमने अधिकारियों से विरोध जताया तो उन्हें बुरा बर्ताव किया। इसलिए बैठक छोड़कर बाहर आ गए।
– जीवनसिंह, किसान खिलचीपुर
बोर्ड बैठक में यह निर्णय भी हुए
– त्रिवेणी विहार योजना में आरसीसी नाली, नाला कवर्ड व रोड डिवाइडर निर्माण की निविदा को स्वीकृति
– डोंगला वेधशाला के ऑडिटोरियम में फायर फाइटिंग सिस्टम फार इंटरियर कार्य की निविदा को स्वीकृति।
– शिप्रा विहार योजना में एकात्म परिसर के विकास कार्य की निविदा को मंजूरी।
– गुलमोहर ग्रीन कॉलोनी में विकास कार्य व भूखंडों के निवृत्तमान की स्वीकृति
– महानंदा नगर एवं ऋषिनगर कम्युनिटी हाल तथा भरतपुरी प्रशासनिक क्षेत्र के शासकीय भवनों के नए किराए की स्वीकृति।
– प्राधिकरण कर्मचारियों को सातवें वेतनमान दिए जाने की अनुशंसा।
– उपयंत्री महेशचंद्र गुप्ता को सहायक यंत्री का प्रभार