मप्र में सबसे पहले इंदौर से स्मार्ट मीटर कन्ज्यूमर ऑटोमेशन प्रक्रिया प्रारंभ होने और नई उपभोक्ता सुविधा प्रदान करने पर ऊर्जामंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मंडलोई ने कार्मिकों को बधाई दी हैं। इससे उज्जैन शहर के 81 हजार उपभोक्ताओं को सुविधा उपलब्ध होगी।
मिलेगी ऑटोमेशन सुविधा
मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर की प्रबंध निदेशक रजनी सिंह ने बताया सबसे पहले ऑटोमेशन की यह सुविधा 2020 से 2024 तक लगे स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को प्रदान की गई है। इसके लिए कंपनी की सूचना प्रौद्योगिकी शाखा, पेमेंट गेटवे सिस्टम और स्मार्ट मीटर परियोजना शाखा को एक दूसरे से रियल टाइम संबद्ध किया गया हैं। बिजली कंपनी उपभोक्ताओं के नियत तिथि तक बिल राशि जमा करने की सुविधा व राशि जमा करने का संदेश देती है, इसके बाद भी यदि स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं की बकाया राशि जमा नहीं होने पर बिजली ऑटोमेटिक रूप से कटती हैं तो बिल राशि एवं बिजली कनेक्शन काटने, जोड़ने की राशि सहित कुल बिल मोबाइल/कम्प्यूटर पर दिखेगा। उक्त कुल बिल राशि जमा करते ही कनेक्शन अपने आप जुड़ जाएगा।
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इस सुविधा के लिए पेमेंट गेटवे से सूचनाएं तुरंत ही बिजली कंपनी की सूचना प्रौद्योगिकी शाखा के पास आएगी, कुछ सेकंड में यह सूचना अपने आप स्मार्ट मीटर परियोजना के सर्वर तक पहुंच जाएगी, फिर कनेक्शन अपने आप जुड़ जाएगा। प्रबंध निदेशक रजनी सिंह ने बताया कि पहले चरण में यह सुविधा 2020 से 2024 के बीच लगे 7.25 लाख स्मार्ट मीटर से संबद्ध उपभोक्ताओं को दी गई है। इस अवधि के पहले के स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को भी यह सुविधा प्रदान करने के लिए विभागीय तौर पर कार्य किया जा रहा हैं।
कंपनी की प्रबंध निदेशक रजनी सिंह ने ऑटोमेशन कार्य के लिए सूचना प्रौद्योगिकी शाखा और स्मार्ट मीटर शाखा की टीम को बधाई देते हुए कहा कि उनकी मेहनत से ही उपभोक्ताओं को सौगात दी जा सकी हैं।
समय पर बिल राशि भरने की अपील
मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने कहा कि शासन के आदेशानुसार कृषि क्षेत्र के लिए दस घंटे एवं अन्य सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति व्यवस्था प्रभावी हैं। ऐसे में उपभोक्ता बकाया बिजली बिल समय पर जमा करे, कैशलेस बिजली बिल जमा करने पर नियामक आयोग के आदेशानुसार प्रति बिल छूट दी जाती है। वहीं राशि जमा नहीं करने पर अधिभार एवं कनेक्शन काटने, जोड़ने की राशि वसूल की जाती हैं।