आपको बता दें कि, उज्जैन जिले में करीब 40 किलोमीटर पर स्थित शिप्रा नदी के नजदीक स्थित इस बरगद के पेड़ को देव स्थान के रूप में पूजा जाता है। कहने को तो ये एक चोटा सा गांव है, लेकिन फिर भी अपने अपने संसाधनों से लोग यहां देश के कोने कोने से अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। खास बात ये है कि, मनोकामना पूरी होने पर यहां भक्त को चढ़ावे को तौर पर पेड़ पर घड़ी चढ़ाना होता है।बताया जाता है कि, यहां पर कुछ साल पहले एक व्यक्ति द्वारा पुत्र प्राप्ति की मनोकामना पूरी होने पर पहली बार घड़ी चढ़ाई गई थी। इसके बाद से ही ये जगह काफी प्रसिद्ध हो गई और तभी से यहां मनोकामना लेकर आने वालों का सिलसिला शुरू हो गया।
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स्थान के आसपास नहीं भटक पाते ऐसे लोग- मान्यता
इस पेड़ के बारे में सुनते ही हर व्यक्ति यहां की तस्वीर अपनी आंखों से देखने को उत्साहित नजर आते है। इसके चलते यहां सैकड़ों की संख्या में रोजाना श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। यही नहीं, मनोकामना पूरी होने की मनौती मानते हैं। ग्रामीणों के अनुसार सगस महाराज के इस स्थान पर हर मनोकामना पूर्ण होती है। दूर्व्यसन करने वाले व्यक्ति इस स्थान के आसपास भी भटक नहीं पाते हैं। फिलहाल, ग्रामीणों द्वारा स्थान को लेकर जीर्णोद्धार करने की मांग की जा रही है।
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