हम बात कर रहे हैं, भोलाखेड़ी के 40 साल के किसान सुरेश नागर की। उसने तीन माह पहले फूड प्रोसेसिंग प्लांट शुरू किया, जिसमें अब तक 850 क्विंटल प्याज की प्रोसेसिंग से चिप्स और पाउडर बनाकर मसाला उद्योग में सप्लाय कर चुका है।
फार्मा में लगती है प्याज की चिप्स
हार्ट व दमे की दवा बनाने वाली कंपनियों को प्याज के चिप्स की जरूरत होती है। खाड़ी देशों में प्याज नहीं होता, वहां प्याज के पाउडर व चिप्स की मांग रहती है। साथ ही ओनियन फ्लेवर में आने वाली आलू चिप्स व अन्य सामान में प्याज के पाउडर का इस्तेमाल होता है। सुरेश ने इसी का अध्ययन कर आगे बढ़ने की योजना बनाई। अभी गुजरात, महाराष्ट्र व दक्षिण भारत के मसाला उद्योग में प्याज के चिप्स व पाउडर बेच रहे हैं।
सरकार से मिला मदद
उद्यानिकी उप संचालक सुभाष श्रीवास्तव की माने तो राज्य सरकार ने एक जिला एक उत्पादन योजना में उज्जैन को प्याज के लिए चुना है। सुरेश ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म उद्योग उन्नयन योजना से प्रोजेक्ट पास कराया और 29 लाख का घरेलू उद्योग शुरू किया। इसमें 35 प्रतिशत सब्सिडी व बैंक ब्याज पर 3% छूट है। सुरेश ने बताया, 10 वर्ष से तीन हेक्टेयर खेत में प्याज की खेती कर रहा था। अब उन्होंने नया करनी की ठानी।