ऐसे आयोजन या गरबा पंडाल का सारा खर्च नेताजी के चुनावी खर्च में जुड़ जाएगा। ऊपर से आयोजन कर्ता और नेताजी पर केस भी दर्ज हो सकता है। एएसपी जयंत राठौर के अनुसार विधानसभा आचार संहिता के चलते जिले में धारा 144 लागू है। किसी भी धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक या धरना प्रदर्शन के लिए अनुमति लेना होगी। इस दौरान बगैर अनुमति कोई जुलूस भी नहीं निकाले जा सकते। अगर नियमों का उल्लंघन किया तो केस दर्ज होगा। राजनीतिक संगठन से जुड़े नेता या प्रत्याक्षी गरबा या दुर्गा पंडाल में शामिल तो हो सकते हैं परंतु सिर्फ एक श्रद्धालु की तरह। यहां नेताजी होर्डिंग, प्रचार प्रसार के बैनर नहीं लगा सकते और भाषणबाजी भी नहीं कर सकेंगे। नेताजी ऐसे आयोजन में अतिथि बनकर भी नहीं जा सकते।
अगर वे अतिथि बनकर गए तो आयोजन कर्ता के साथ नेताजी के खिलाफ भी केस दर्ज होगा। मंच पर चढ़कर अगर नेताजी ने भाषणबाजी की और चुनावी घोषणा की तो उनके चुनावी खर्च में पंडाल का खर्च जोड़ दिया जाएगा। इसके लिए निर्वाचन आयोग सभी गरबा पाण्डाल और मूर्ति स्थापना पाण्डाल की वीडियो ग्राफी करवा रहा है। इसके लिए पुलिस को जिम्मेदारी सौंपी है।
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