दिलीप पटेल/उज्जैन. सिंहस्थ में अखाड़े असली-नकली साधुओं की पहचान कोडवर्ड से करेंगे। संन्यासी अखाड़ों ने कोडवर्ड की डिक्शनरी तैयार की है, जिसे इनके शब्दों में टकसार कहा जाता है। खुद को सुरक्षित रखने के लिए संन्यासी अखाड़ों ने यह व्यवस्था बनाई है।
सिंहस्थ के लिए 13 अखाड़ों ने डेरा जमाया है, जिसमें से पंचायती महानिर्वाणी, पंच अटल, पंचायती निरंजनी, पंचायती आनंद , पंचदशनाम जूना, पंचदशनाम आवाहन और पंचदशनाम पंचाग्रि अखाड़ा आदि सात संन्यासी अखाड़े हैं। सबसे ज्यादा साधु-संत संन्यासी अखाड़ों में हैं। इनकी संख्या लाखों में हैं। ज्यादातर साधु-संत दीक्षा लेने के बाद मंदिर, मठ और आश्रमों में सेवाएं देते हैं। अद्र्धकुंभ, कुंभ और सिंहस्थ के अवसरों पर से सभी एकत्र होते हैं। उस वक्त अखाड़ों के सामने गोपनीयता बनाए रखने और साधु-संतों की पहचान करना मुश्किल रहता है। इसलिए अखाड़ों ने कोडवर्ड की व्यवस्था अपना रखी है। पंचदशनाम जूना अखाड़े के पूर्व कोतवाल ने बताया कि इस व्यवस्था को टकसार के नाम से जानते हैं। करीब 365 कोडवर्ड हैं। यह कोडवर्ड गुरुओं की ओर से शिष्यों को बताए जाते हैं। हर अखाड़े की कोडवर्ड की डिक्शनरी में कुछ भिन्नता रखी गई है।
खुद की कानून व्यवस्था भी -अखाड़ों की खुद की कानून व्यवस्था है। इसके लिए थानापति, कोतवाल की विंग तैनात की गई है।
कहां से आए हो…अगम से
जब भी अखाड़े में पहली बार साधु-संत आते हैं तो पहले से मौजूद साधु-संत उनसे कोडवर्ड में बातचीत करते हैं। पहला सवाल यही होता है कि कहां से आए हो…। जवाब आता है अगम से। इसके बाद दूसरा, फिर तीसरा कई सवालों के जवाब के बाद साधु की पहचान सुनिश्चित होती है। यही नहीं साधु-संतों के भोजन करने की प्रक्रिया, रहन-सहन, उठने-बैठने तक नियम कायदे हैं।
ये हैं कोडवर्ड
सवाल जवाब
कहां से आए हो अगम से
कहां जाना है निगम को
कहां लेटोगे धरती मेरी चादर
कौन तुम्हारा गुरु का
दिगंबर नाम बताइए
तीर्थ क्या है पुण्यगिरि
आश्रम बद्रिका आश्रम
दशनाम की चादर भस्मी
Hindi News / Ujjain / बाबाओं का भी कोडवर्ड, पहचान असली होने की