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उज्जैन

रामायण पढ़कर अपराधी का बदला ऐसा जीवन, शरीर से चमड़ी निकालकर अपनी मां के लिए बनवाई चप्पलें

रौनक गुर्जर नाम के अपराधी ने अपने शरीर की चमड़ी निकलवा कर आदर स्वरूप अपनी मां के लिए चप्पल बनवाई है। खास बात ये है कि अपनी मां के प्रति प्रेम की सच्ची भावना शख्स के दिल में रामायण पढ़कर जागी है।

उज्जैनMar 21, 2024 / 09:17 am

Faiz

mother love after reading ramayana

रामायण पढ़कर अपराधी का बदला ऐसा जीवन, शरीर से चमड़ी निकालकर अपनी मां के लिए बनवाई चप्पलें

मध्य प्रदेश की धर्मनगरी उज्जैन से मां से प्रेम का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शख्स ने अपने शरीर की चमड़ी निकलवा कर आदर स्वरूप अपनी मां के लिए चप्पल बनवाई है। इससे भी खास बात ये है कि अपनी मां के प्रति प्रेम की सच्ची भावना शख्स के दिल में रामायण पढ़कर जागी है। एक और खास बात ये है कि मां के लिए ऐसा प्रेम और श्रद्धा दिखाने वाला शख्स कोई और नहीं, बल्कि उज्जैन का रहने वाला रौनक गुर्जर है।

अपराध जगत में रौनक का बड़ा नाम रहा है। साल 2019 में हुए पुलिस एनकाउंटर में उसके पैर में गोली लग गई थी, जिसके बाद से वो चल फिर नहीं पा रहा था। ऐसे में उसने रामायण पढ़ना शुरु की, जिसने देखते ही देखते उसका जीवन बदलकर रख दिया।

 

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mother love after reading ramayana

बताया जा रहा है कि रौनक पर 37 आपराधिक मामले दर्ज हैं। लेकिन, मौजूदा समय में वो सिर्फ भक्ति रस में डूबा हुआ नजर आ रहा है। रौनक का कहना है कि पैर में गोली लगने के बाद से वो ठीक तरह से चलने फिरने असमर्थ था। ऐसे में एक बार उसने रामायण पढ़ी, जिसके बाद धीरे-धीरे रामायण का चाव उसके दिल में बढ़ता गया और अब रामायण के सार से उसे मेहसूस हुआ कि इस संसार में मां से बड़ा कुछ नहीं है। इसी के चलते उसने अब अपने शरीर से चमड़ी निकलवा कर अपनी मां के लिए चप्पल बनवाई है।

 

रौनक ने बताया कि शरीर से चमड़ी निकलवाने में उसे खासा तकलीफ का सामना करना पड़ा। फिर भी ये उस तकलीफ के अंश बराबर भी नहीं, जिसे उसकी मां ने उसकी वजह से अपने जीवन में भोगा है। फिलहाल, अपनी चमड़ी से मां के लिए चप्पल बनवाने के बाद अब रौनक अपने क्षेत्र में भागवत कथा करा रहा है, जिसे सुनने के लिए उज्जैन ही नहीं बल्कि आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं।

 

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उज्जैन के चिमनगंज थाना इलाके के ढांचा भवन में रहने वाले 39 साल के रौनक गुर्जर ने बताया कि रामायण पढ़ने के बाद मेरे विचार बदले हैं। रामायण से ही प्रेरणा लेकर रौनक ने संकल्प लिया खा कि उसे अपनी मां की सेवा के प्रति कुछ करना है। इसी संकल्प के साथ उसने अपने शरीर की चमड़ी से मां के लिए चप्पल बनवाई है। इसके पीछे रौनक का मानना है कि शायद ऐसा करके वो अपने पिछले कर्मों में सुदार कर सके। रौनक का मां को चप्पल पहनाते हुए एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें चप्पल पहनते ही मां अपने बेटे से लिपटकर रो पड़ी।

 

रौनक की मां निर्मला गुर्जर का कहना है कि उन्हें पता नहीं था कि उनका बेटा ऐसा कुछ भी कर सकता है। उन्होंने खुशी जताते हुए अपने बेटे के लिए प्रार्थना करते हुए कहा भगवान ऐसा बेटा हर मां को दे। उसे जीवन में कोई दुख न देखना पड़े।

 

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वहीं रौनक के घर भागवता कथा सुना रहे आध्यात्मिक गुरु जीतेन्द्र ने कहा कि ‘देखने में आता है कि कोई प्रेमिका के लिए तो कोई पत्नी के लिए हाथ काट लेता है। ऐसे दौर में एक बेटे ने श्रवण कुमार बनकर अपनी चमड़ी से मां के लिए चरण पादुका बनवाई है। नई पीढ़ी को रामायण पढ़कर देखना चाहिए, इससे उनकी जिंदगी बदल जाएगी।’

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