उज्जैन. चौरासी महादेवों की शृंखला में 26वें क्रम पर श्री सोमेश्वर महादेव का मंदिर आता है। इनके दर्शन-पूजन करने से मनुष्य सब रोगों से छूटकर वायव्य बाधाओं से मुक्ति पाता है। श्रावण-भादौ मास में पत्रिका डॉट कॉम के जरिए आप 84 महादेव की यात्रा का लाभ ले रहे हैं।
सोमवती अमावस्या पर दर्शनों का विशेष महत्व
रणजीत हनुमान मंदिर के पास स्थित शिप्रा नदी के किनारे श्री सोमेश्वर महादेव का मंदिर है। सोमवती अमावस्या पर्व पर लाखों श्रद्धालु यहां बने कुंड में स्नान करके श्री सोमेश्वर महादेव के दर्शन करते हैं।
बच्चों की चंचलता होती है दूर
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डिब्बावाला के अनुसार श्री सोमेश्वर महादेव के दर्शनों से वायव्य बाधाओं का निवारण, बच्चों की चंचलता दूर होती। साथ ही चंद्रमा का मारक प्रभाव खत्म होता है। रोग दोष दूर होते हैं। सोमकुंड पर स्नान का विशेष महत्व है। सोमवती अमावस्या पर अष्टादृय रूद्राभिषेक का महत्व है।
ये है प्राचीन कथा
प्राचीन कथा अनुसार दक्ष प्रजापति के श्राप से चंद्रमा विलुप्त हो गए थे। चंद्रमा के विलुप्त होने से धरती पर औषधियां समाप्त होने लगीं। इस पर देवताओं ने ब्रम्हा से प्रार्थना की। ब्रम्हा की आज्ञा से समुद्र मंथन किया गया और चंद्रमा प्रकट हुआ। ब्रम्हा की आज्ञा से चंद्रमा धरती पर प्रजा का पालन करने लगा। श्राप ग्रस्त चंद्रमा ने भगवान विष्णु की आज्ञा से महाकाल वन में विराजित शिवलिंग की पूजा की ओर भगवान शिव से वरदान प्राप्त कर पुन: अपना शरीर और राज प्राप्त किया। चंद्रमा के पूजन करने के कारण शिवलिंग का नाम सोमेश्वर महादेव पड़ा। मान्यता है कि यहां पूजन करने से मनुष्य सभी कलंकों से मुक्त होता है ओर अंत काल में मोक्ष को प्राप्त करता है।
Hindi News / Ujjain / 84 महादेव सीरीज: श्री सोमेश्वर महादेव करते हैं सब रोगों को दूर