पढ़ाने के बजाय पानी निकालने के किए जा रहे जतन महात्मा गांधी स्कूल पाणुंद में तो सुबह स्कूल आने के बाद शिक्षक पढ़ाने के बजाय सभी कमरों में भरे पानी निकालने का जतन करते नजर आते हैं। टपकती छतों के कारण चार कक्षाएं एक ही कमरे में चलाना मजबूरी है। जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। विद्यार्थियों के राशन की सुरक्षा करना भी मुश्किल बना हुआ है। शिक्षकों ने बताया कि ऐसे हालातों की रिपोर्ट कई बार उच्चाधिकारियों को भेजी है, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो पाया है।
राउमावि में छत से पंखों में पानी जाने से जले पंखे राउमावि पाणुन्द में टपकती छतों से पंखे जल चुके हैं। वहीं, कम्प्यूटर लैब में भी पानी गिर रहा है। जिससे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बचाने में समस्या आ रही है। स्कूल में 11 कमरे हैं। इनमें एक कमरे में कम्प्यूटर लैब, एक में कार्यालय, एक पुस्तकालय, एक शिक्षक रूम, एक प्रधानाचार्य कक्ष और बाकी 4 कमरों में कक्षाएं चलती है, जिनमें पानी टपकता रहता है। यहां विद्यालय में सभी कमरों की मरम्मत कराने के बाद भी सुचारू रूप से कक्षाएं चलाने के लिए 5 कमरों की कमी है।
इधर, लसाडिया के धावड़ी के मोड़जीखेड़ा राउप्रावि का भवन तो जर्जर हालात में है। यहां पढ़ने वाले छात्र और शिक्षक खतरे से खेल रहे हैं। सालों पुराने बने भवन को मरम्मत का इंतजार है। बारिश के दौरान पानी तो गिरता ही है, लेकिन पानी के साथ छत कब गिर जाए, उसका भरोसा नहीं है। छत के सरिए तक दिखने लगे हैं।
इनका कहना है… स्कूलों में छतों से पानी टपकने की समस्या को देखते हुए हमने पाणुन्द के दोनों स्कूल के प्रस्ताव आगे भेज रखे हैं। जिला परिषद में भी प्रस्ताव दिया था। सोमवार को वापस भेजेंगे।
-रमेश खटीक, सीबीईओ, भींडर ब्लॉक दोनों विद्यालय और पीएचसी में पानी गिरने की समस्या है। उसके लिए एकबार वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए सीमेंट से दरारें भरवा देंगे। इसके बाद स्थायी समाधान भी जल्द करवा देंगे।
-देव कुंवर, सरपंच, ग्राम पंचायत पाणुन्द