गौरतलब है कि इस बार से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रथम वर्ष में सेमेस्टर पद्धति के तहत परीक्षाएं होनी है। प्रदेश के कई कॉलेजों ने तो सेमेस्टर पद्धति लागू कर दी और कुछ में ये काम किया जाना है। इसी के अनुरूप विद्यार्थियों को पढ़ाई भी करवाई जानी है। प्रथम के बाद दूसरे सेमेस्टर की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। यदि योजना में लगे इन प्रोफेसरों को हटाया जाता है तो इसका असर आगामी सत्र में विद्यार्थियों के शिक्षण कार्य पर पड़ेगा।
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● प्रदेश के 190 कॉलेजों में विद्या संबल योजना के माध्यम से लगे हैं प्रोफेसर।
● आयुक्तालय ने विद्या संबल के माध्यम से नोडल कॉलेज और राजस्थान कॉलेज एजुकेशन सोसायटी के माध्यम से कॉलेजों में नियुक्ति की है।
● इन प्रोफेसरों की संख्या एक हजार है।
● प्रदेश के कॉलेजों में नहीं स्थायी स्टाफ।
● हजारों विद्यार्थियों की पढ़ाई होगी बाधित।
प्राचार्य, राजकीय मीरा गर्ल्स कॉलेज, उदयपुर प्राचार्य प्रो. अंजना गौतम ने कहा विद्या संबल योजना में इन प्रोफेसरों को कॉलेजों में लगाया गया था। इनके पास 28 फरवरी तक का समय है। इनका समय बढ़ाने को लेकर आयुक्तालय की ओर से कोई गाइडलाइन नहीं आई है, ऐसे में जो कार्यरत हैं उन्हें फिलहाल हटाया जाएगा।
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