विस्फोट के बाद संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट, जिला कलक्टर ताराचंद मीणा, एसपी विकास कुमार के साथ ही रेलवे, एटीएस, एफएसएल व डॉग स्कवायड टीम मौके पर पहुंची। टीमों ने मौके पर कई साक्ष्य जुटाए है, जिनकी अभी विस्तृत जांच जारी है।
— ट्रेन के गुजरने के बाद हुआ विस्फोट ओड़ा पुलिया पर रात करीब 8.15 बजे उदयपुर-असावरा ट्रेन के गुजरने के महज 15 मिनट बाद ही धमाका हुआ। संभवत: ट्रेन गुजरने से पहले यह विस्फोट लगा दिया गया था जो संयोग से ब्लास्ट नहीं हो पाया। अगर यह ब्लास्ट हो जाता तो ट्रेन पुलिया से नीचे गिरती। इस ट्रेन के गुजरने के बाद रविवार दोपहर 11.30 बजे वापस असावरा से उदयपुर ट्रेन आने वाली थी लेकिन विस्फोट का पता चलने के बाद इसे डूंगरपुर में ही रोक दिया गया।
— रात को सुना था ग्रामीणों ने धमाका विस्फोट रात करीब 8.30 बजे हुआ। धमाके की आवाज रात को ही एक किलोमीटर दूर तक ग्रामीणों ने सुनी। कुछ ग्रामीण घरों से निकलकर सडक़ पर आए। उन्होंने आसपास निरीक्षण भी किया लेकिन उन्हें 34 मीटर की ऊंचाई पर पुलिया पर हुए विस्फोट का आभास नहीं हो पाया। सडक़ से देखने पर पुलिया सही सलामत दिखने के कारण उन्होंने उस पर ध्यान नहीं दिया। रात करीब 12.30 बजे संदीप मीणा नौकरी से घर पहुंचा तो उसे मां ने विस्फोट की जानकारी दी। वह भी एक बार घूम कर आया लेकिन सुबह उजाला होते ही वह पुलिया पर पहुंचा तो पटरी के बीच लगी लोहे की चद्दर टूटी होकर मुड़ी हुई मिली। पटरी पर क्रेक नजर आया। उसने ग्रामीणों की मदद से पुलिस को सूचना दी। उसके बाद सभी मौके पर पहुंचे। पुलिस-प्रशासन व रेलवे अधिकारियों के पहुंचने से पहले ग्रामीणों ने घटनास्थल पर पटरी पर मुड़ी लोहे की चद्दर पर लाल कपड़ा डाला।