उदयसागर झील से दिखाई देता है नजारा
यहां से उदयसागर झील का नजारा दिखाई देता है। यहां नाबार्ड के सहयोग से करीब 20 लाख की लागत से तीन एनिकट एवं 15 चेकडेम बनाए जा रहे हैं, ताकि बरसाती नाले के पानी को संग्रहित रखा जा सके। इनमें प्रत्येक एनिकट की लागत करीब पांच लाख है, जबकि 4.65 लाख में पंद्रह चेक डेम तैयार होंगे। वहीं डीएमएफटी से स्वीकृत 62 लाख रुपए से प्लांटेशन समेत अन्य कार्य करवाए जाएंगे। जबकि वन विभाग अपने स्तर पर दस लाख रुपए खर्च कर पेट्रोलिंग ट्रेक तैयार करवा रहा है।सूखा क्षेत्र होने से प्लांटेशन की भरपूर संभावना
बाघदड़ा में सूखा क्षेत्र होने से अलग-अलग प्रजातियों के वृक्ष लगाने की भरपूर संभावनाएं हैं। इसमें वीड की जगह बड़ी संख्या में बांस लगाने की तैयारी है। वहीं शाकाहारी जीवों के लिए सेहरण व हरण घास लगाई जा रही है। इसके अलावा खाली स्थानों पर बड़, पीपल, गूलर, जामुन, बहेड़ा, आंवला, अर्जुन, पलाश, खिरनी, बेलपत्र नीम आदि के पौधे लगाए जाएंगे।पर्यटकों के लिए ये होंगे आकर्षण
● मगरमच्छ साइटिंग● पैंथर साइटिंग
● बर्ड वाचिंग
● राइपेरियन पट्टी अवलोकन
● कड़ाया कुंज
● रोप स्लाइडिंग
● बैक वाटर मार्श
● कैप साइट
● नेचर ट्रेल
● व्यू पाइंट
● जनाना ओदी
● लीलकी ओदी
● भाटा वाली ओदी
● प्राकृतिक फर्न आवास।
उदयपुर में प्रदेश के 3 कंजर्वेशन रिजर्व
प्रदेश में जैव विविधता एवं वन्यजीवों की प्रजातियों के संरक्षण के लिए 36 कंजर्वेशन रिजर्व बनाए गए हैं। इनमें से 3 उदयपुर जिले में हैं। इनमें बाघदड़ा मगरमच्छ के लिए, अमरख जी पैंथर के लिए एवं बड़ी झील महासीर मछली के लिए संरक्षण के लिए कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किए गए हैं।● नाबार्ड – 20 लाख
● वन विभाग – 10 लाख